सादगी और सौहार्द्र के साथ मनाया गया पोला पर्व वृषभराज की हुई विशेष पूजा

बैतूल : बोरदेही,मोरखा और खेड़ली बाजार सहित ग्रामीण अंचलों में पारम्परिक त्यौहार पोला पर्व हर्षोल्लास,सादगी और सौहार्द्र पूर्ण तरीके से मनाया गया। परम्परा के अनुसार क्षेत्र में सभी किसानों ने अपने वृषभराज (बैलों) को सजाया तथा विधि-विधान से उनकी पूजा की। ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक पोला पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता रहा है।ग्रामीण क्षेत्रों में पारम्परिक पोला पर्व पर विशेष उत्साह देखने को मिला। पोला पर्व पर तोरण तोड़ने की विशेष परंपरा है।पोला पर्व को देखते हुए पुलिस व्यवस्था भी दुरुस्त रही पुलिस के वाहन लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा करते रहें एवं पुलिस अधिकारी स्थिति का जायजा लेते रहे।

एक दिन पूर्व से होती है तैयारियां

ग्राम मोरखा के किशनसिंह रघुवंशी,डॉ रामकुमार पटेल, अधिवक्ता कैलाश सिंह रघुवंशी, कुजबा के सरपंच राजेश बबलू चढ़ोकार,कृषक योगेश रघुवंशी, बोरदेही के संजय सूर्यवंशी,अनीष साहु आदि ने बताया कि पारंपरिक पोला पर्व क्षेत्र में विशेष तौर पर पशुधन (बैलों) की पूजा हेतु मनाया जाता है। पोला पर्व के एक दिन पूर्व ही इस उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती है जिसमें सभी किसान अपने अपने पशुधन वृषभ को विधि विधान से तैयार कर पूजा अर्चना करते हैं।इस पर्व पर सभी किसान अपने वृषभराज को विशेष तौर पर सजाने का कार्य करते हैं। इसके बाद पोला पर्व के दिन तोरण तोड़ने का कार्यक्रम होता है जिसके पश्चात सभी किसान अपने अपने पशुधन वृषभ को पूजन हेतु ग्राम भ्रमण कराते हैं।

वृषभराज का होता है विशेष श्रृंगार

ग्राम कुजबा के चंद्रभान वागद्रे खेड़ली बाजार के सरपंच अतुल पारखे,उदयभान पारखे,साहू बोरवेल बोरदेही के संचालक सतीष साहू, डुडरिया के सरपंच मुकेश साहु, बिसखान के सरपंच चिरोंजी चिकाने आदि ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पोला पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष भी परम्परा के अनुसार आपसी भाईचारा और सौहार्दपूर्ण माहौल में पोला पर्व मनाया गया। उनके श्रंगार हेतु विशेष सामग्री भी क्रय की जाती है। वृषभराज को मोरपंख, गुब्बारे तथा रंग-बिरंगे रंगों से सजाते हैं।पोला पर्व के दिन बैलों को विशेष तौर पर श्रृंगारित किया जाता है तथा सार्वजनिक स्थल पर तोरण तोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है इसके पश्चात सभी लोग अपने अपने पशुधन वृषभराज को तिलक लगाकर, नैवेद्य खिला कर विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

रिपोर्टर : संदीप वाईकर

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