फिर लौटेगा 'फ्लाइंग सिख': भाग मिल्खा भाग की सिनेमाघरों में होगी भव्य री-रिलीज

एक बार फिर बड़े पर्दे पर दौड़ेगा 'फ्लाइंग सिख'
भारतीय एथलेटिक्स की महान शख्सियत मिल्खा सिंह की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' एक बार फिर सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। इस बायोपिक को वर्ष 2013 में रिलीज किया गया था और इसने हिंदी सिनेमा में बायोपिक फिल्मों की परिभाषा ही बदल दी थी। अब, फिल्म की 12वीं वर्षगांठ के मौके पर मेकर्स ने इसे फिर से थिएटर्स में रिलीज करने का फैसला लिया है।
क्लासिक बायोपिक की नई शुरुआत
राकेश ओम प्रकाश मेहरा के निर्देशन और फरहान अख्तर के दमदार अभिनय से सजी यह फिल्म एक प्रेरणादायक गाथा है, जिसमें विभाजन की त्रासदी से उबरकर एक साधारण युवक के ओलंपिक एथलीट बनने की संघर्षगाथा को दिखाया गया है।
2013 में रिलीज हुई इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। 'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह की जिंदगी की सच्ची कहानी को पर्दे पर देखने का अनुभव दर्शकों को एक बार फिर मिलने जा रहा है।
18 जुलाई से शुरू होगी री-रिलीज
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म को देश के चुनिंदा PVR और INOX मल्टीप्लेक्सेस में 18 जुलाई 2025 से दोबारा रिलीज किया जाएगा। इस स्पेशल री-रिलीज का उद्देश्य उन दर्शकों को प्रेरित करना है जिन्होंने इस कहानी को अब तक नहीं देखा, और साथ ही उन लोगों को एक बार फिर इसे थिएटर में देखने का अवसर देना है।
फरहान अख्तर ने जताई खुशी
फिल्म में मिल्खा सिंह का किरदार निभाने वाले फरहान अख्तर ने री-रिलीज को लेकर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा:
"मिल्खा सिंह की भूमिका निभाना मेरे करियर का सबसे बड़ा सम्मान था। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि भारत के एक सच्चे हीरो की प्रेरक गाथा थी। अब जब यह फिर से सिनेमाघरों में लौट रही है, तो उत्साह और गर्व का अनुभव दोगुना हो गया है।"
बॉक्स ऑफिस पर की थी दमदार कमाई
'भाग मिल्खा भाग' न सिर्फ एक क्रिटिकली अक्लेम्ड फिल्म थी, बल्कि इसने बॉक्स ऑफिस पर भी शानदार प्रदर्शन किया था।
डोमेस्टिक कलेक्शन: ₹109 करोड़
वर्ल्डवाइड ग्रॉस: लगभग ₹170 करोड़
यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बायोपिक्स में से एक थी।
'भाग मिल्खा भाग' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक जज़्बा है – संघर्ष, प्रेरणा और देशभक्ति का। अब जब यह फिर से थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है, तो यह एक सुनहरा मौका है इस प्रेरक गाथा को बड़े पर्दे पर फिर से महसूस करने का।
अगर आपने इसे पहले देखा है, तो दोबारा देखें। और अगर नहीं देखा है, तो इस बार मौका मत चूकिए – क्योंकि कुछ कहानियां बार-बार देखने लायक होती हैं!
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