महाकुंभ में भगदड़ में मरा शख्स अचानक हुआ जिंदा , मचा हड़कंप
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अब तक हम आपको महाकुंभ की भव्यता और महत्व की बातों से परिचित कराते आए हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा चमत्कारी किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे! कभी-कभी हकीकत भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं होती। ऐसा ही कुछ हुआ प्रयागराज के 'खुंटी गुरु' के साथ, जो महाकुंभ के दौरान भयंकर भगदड़ में लापता हो गए थे। जब उनका परिवार और मोहल्ले वाले उन्हें मृत मानकर उनकी तेरहवीं की तैयारी करने लगे, तो वो अचानक वापस लौटे और माहौल पलभर में गम से खुशी में बदल गया।यह चमत्कारी घटनाक्रम किसी फिल्म के रोमांचक ट्विस्ट जैसा था। खुशियाँ ऐसे बिखरीं जैसे होली का रंग उड़ा हो...लेकिन फिर वापस आई तो जैसे पक्के रंग की तरह ...
खुंटी गुरु, जो लगभग 60 साल के हैं, प्रयागराज के ज़ीरो रोड इलाके के एक छोटे से कमरे में अकेले रहते हैं। गांववालों के मुताबिक, वह मशहूर वकील कन्हैयालाल मिश्रा के बेटे है.. लेकिन समय के साथ उनका परिवार बिखर गया, और वे अकेले रह गए। उनकी विशेषता यह थी कि उनका नाम 'खुंटी गुरु' पड़ा, जो अपनी अनोखी जीवनशैली और दिलचस्प किस्सों के लिए प्रसिद्ध थे।मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के लिए गए खुंटी गुरु अचानक लापता हो गए। अगले ही दिन भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और कुछ की जान भी चली गई। परिवार और पड़ोसियों ने हर तरफ उनकी तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। धीरे-धीरे सबने मान लिया कि वह भगदड़ के दौरान किसी कारणवश अपनी जान गवां बैठे। इस सोच के साथ, मंगलवार को उनकी तेरहवीं की तैयारी करने के लिए ब्राह्मणों और गांववालों को भोजन पर बुलाया गया।
लेकिन जैसे ही पूड़ी और सब्जी तैयार हुई, एक ई-रिक्शा आया और उससे उतरे खुंटी गुरु! उन्हें देखकर सबके होश उड़ गए। कुछ लोग तो गुस्से से भर गए, तो कुछ खुशी से झूम उठे। किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि जो शख्स कल तक मरा हुआ माना जा रहा था, वह अब सामने खड़ा है। जब खुंटी गुरु से पूछा गया कि वह इतने दिनों तक कहां थे, तो उनका जवाब सुनकर सभी चौंक गए। उन्होंने बड़े आराम से कहा, "कुछ साधुओं के साथ चीलम पी और फिर नींद आ गई... शायद कई दिन तक सोता रहा।" लेकिन फिलहाल अब तो मोहल्ले में उनके लौटने की खुशी में पूरे इलाके ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। यह अद्भुत घटना अब भी सबके ज़ुबां पर है। वाकई कभी-कभी जीवन हमें चमत्कारी मोड़ों से रूबरू कराता है, जिनका कोई तार्किक कारण नहीं होता। खुंटी गुरु की यह अनोखी वापसी साबित करती है कि हकीकत हमेशा हमारी उम्मीदों से कहीं ज्यादा दिलचस्प होती है।
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