महाकुंभ को लेकर पीएम मोदी ने की मन की बात


प्रयागराज में 45 दिनों तक चले भव्य महाकुंभ का समापन अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है, लेकिन इसका असर लाखों दिलों में हमेशा रहेगा। इस महान आयोजन में, जहां एक ओर आस्था और भक्ति ने श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम की ओर खींचा, वहीं दूसरी ओर, यह महाकुंभ भारत की एकता और शक्ति का भी प्रतीक बना। यह सिर्फ एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि एक विशाल 'महायज्ञ' था, जहां हर एक श्रद्धालु ने अपने दिल से एकता और भाईचारे की डुबकी लगाई।इसीलिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ बताया, और इस दौरान व्यवस्थाओं में हुई थोड़ी-बहुत कमी के लिए जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर  लिखा, “यह आयोजन इतनी विशालता में हुआ कि इसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। अगर हमारे किसी कदम में कोई कमी रह गई हो, तो मैं मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि हमें माफ करें। और, अगर श्रद्धालुओं की सेवा में कुछ त्रुटि हुई हो, तो मैं जनता जनार्दन से भी माफी मांगता हूं।” उन्होंने आगे लिखा कि -महाकुंभ का जो दृश्य था, वह किसी महाकाव्य से कम नहीं था। लाखों श्रद्धालु, हर उम्र और हर पृष्ठभूमि से, संगम की पवित्र धाराओं में डुबकी लगाने पहुंचे थे। और यह संख्या वो थी, जो पहले कभी देखी ही नहीं गई थी – अमेरिका की आबादी से भी दोगुने लोग इस महाकुंभ का हिस्सा बने। यह सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय समाज की एकता, सामूहिकता और शक्ति का जीवंत उदाहरण था। जब संगम में श्रद्धालु एक साथ डुबकी लगा रहे थे, तो ऐसा लगता था कि समूचा देश एक ही धारा में बह रहा हो.

वहीं इसके अलावा महाकुंभ के समापन पर सीएम योगी भी अलर्ट नजर आए ..   महाकुंभ के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम के तट पर सफाई अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अरैल घाट पर झाड़ू लगाई, गंगा के तटों से कूड़ा-कचरा उठाया, और फिर गंगा पूजन कर श्रद्धालुओं के कल्याण की कामना की। वहीं , योगी आदित्यनाथ ने सफाईकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मानित करते हुए ऐलान किया कि सभी स्वच्छता कर्मियों को 10,000 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा, और उनके वेतन में भी वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा, सफाई कर्मियों को आयुष्मान योजना से जोड़ने का फैसला लिया गया, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह पहल केवल उनकी मेहनत का सम्मान नहीं थी, बल्कि समाज के हर तबके को अपने अधिकारों की ताकत महसूस कराने वाली एक कड़ी थी।इतना ही नहीं , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में महाकुंभ के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करने का निर्देश दिया। उनका उद्देश्य था कि इस महाकुंभ के असर को सही ढंग से समझा जाए, ताकि भविष्य में ऐसे आयोजनों को और भी बेहतर और प्रभावी तरीके से आयोजित किया जा सके

देखा जाए तो ये महाकुंभ न सिर्फ आध्यात्मिकता का पर्व था, बल्कि ये हमें बताता है कि भारत की ताकत उसकी संस्कृति, उसकी आस्था और उसकी एकता में है। जब भी हम अपने देश की महानता को सही मायनों में समझते हैं, तो यह महाकुंभ जैसे आयोजनों से ही इसकी असली पहचान मिलती है।अब, जब महाकुंभ का समापन हो चुका है, तो यह हम सभी के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ गया है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक संदेश है 

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