भारत के साथ दोस्ती की डींगे मारने वाले डोनाल्ड ट्रंप की खुली पोल

भारत के साथ दोस्ती की डींगे मारने वाले डोनाल्ड ट्रंप का असली चेहरा अब सामने आ चुका है। ये वही ट्रंप हैं, जिन्होंने मोदी सरकार को ‘मेक इन इंडिया’ के सपने दिखाए थे, और अब अचानक अपना रंग दिखाते हुए भारत को छोड़ने का फरमान जारी कर दिया है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय कतर की राजधानी दोहा में अरबपतियों के साथ गहरी सियासी बातचीत कर रहे थे। और इस बातचीत के दौरान ट्रंप ने अमेरिका की बड़ी कंपनियों को यह सलाह दी कि "भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाना अब जरूरी नहीं है", बल्कि उन्हें चाहिए कि वे अपने प्लांट अमेरिका में ही लगाएं।

मेक इन इंडिया अभियान के तहत मोदी सरकार ने जिस तरह से निवेशकों को आकर्षित किया था, उसमें ट्रंप का यह बयान एक बड़ा धक्का हो सकता है। अगर अमेरिकी कंपनियां भारत छोड़ने का फैसला करती हैं, तो भारत के विकास और रोजगार पर गंभीर असर पड़ सकता है।रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 मई को ट्रंप ने दोहा में आईफोन निर्माता कंपनी Apple के CEO टिम कुक से मुलाकात की, और उन्हें यह तक कह दिया कि "भारत में फैक्ट्रियां लगाने की अब कोई जरूरत नहीं है, वे खुद ही अपना ख्याल रख लेंगे"।

सवाल उठता है कि ट्रंप की ताजातरीन सलाह क्या ये दिखाती है कि वह भारत को सिर्फ एक कागजी दोस्त समझ रहे हैं?क्या ट्रंप का भारत के खिलाफ बोलने का असल कारण चीन है? यह भी हो सकता है, क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच हुए व्यापार समझौते में दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ घटाने की बात की है। चीन ने कई ऑफर भी अमेरिका को दिए हैं, और यह समझौता दोनों देशों के टैरिफ युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।इससे यह संकेत मिलता है कि ट्रंप अब चीन के प्रति अपनी नीतियों में नरमी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसका नतीजा भारत को भुगतना पड़ सकता है। ट्रंप की इस नीति से भारत का व्यापारिक माहौल और निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, खासकर जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही थी।

देखा जाए तो ट्रंप का यह कदम सिर्फ भारत के लिए एक आर्थिक झटका नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार राजनीति में एक नया मोड़ है। वह राष्ट्रपति जो कभी भारत को अपने खास दोस्त के तौर पर पेश करते थे, अब चीन के साथ अपनी रणनीति बदलते हुए भारत के सामने कठिन परिस्थितियाँ खड़ी कर रहे हैं।भारत ने जिस तरह से मेक इन इंडिया और निवेश आकर्षण की दिशा में कदम बढ़ाए थे, उसे अब ट्रंप के इस पलटवार से गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।सवाल यह नहीं है कि ट्रंप क्या कर रहे हैं, बल्कि यह है कि भारत इस स्थिति से निकलने के लिए कौन से स्मार्ट कदम उठाएगा। यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि देश की अस्मिता और भविष्य की बात है..

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.