उत्तर प्रदेश में अब 75 नहीं 76 जिले, महाकुंभ के लिए महाअभियान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने फैसलों के लिए मशहूर हैं, और जब वे कुछ तय करते हैं, तो वह केवल एक फैसला नहीं, बल्कि इतिहास बन जाता है! उन्हें अक्सर यह कहते हुए सुना जाता है कि अगर उनका मन हो तो हर शहर का नाम बदल दें, लेकिन इस बार योगी जी ने कुछ और ही दमदार काम किया है .. इस बार उन्होंने तो किसी शहर का नाम बदला, न कोई नया तामझाम किया, बल्कि उन्होंने एक पूरा का पूरा नया जिला ही बना डाला!

जी हां , अब यूपी में 75 नहीं, 76 जिले होंगे! जी हां, आपने सही सुना! योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेला क्षेत्र को एक नया जिला घोषित कर दिया है, और इसका नाम रखा गया है "महाकुंभ मेला जिला"! ये नाम महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए दिया गया है, और इस फैसले से हर कोई हैरान है। प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार ने इस नए जिले की अधिसूचना देर रात जारी की।अब आप ये भी सोच रहे होंगे कि आखिर महाकुंभ मेला जिला बनाने से क्या होगा? इसका जवाब है- प्रशासनिक सुधार, बेहतर व्यवस्था और हर छोटी-बड़ी समस्या का त्वरित समाधान! 
क्योंकि महाकुंभ का आयोजन कोई साधारण मेला नहीं है, यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों लोग शामिल होते हैं। इस आयोजन को सही ढंग से संचालित करने के लिए अलग से एक प्रशासनिक सेटअप की जरूरत थी, और इसीलिए सीएम योगी ने ये फैसला लिया.. 

अब, इस नए जिले में क्षेत्र और प्रयागराज के चार तहसील—सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के 67 गांव शामिल किए गए हैं। इसका मतलब, महाकुंभ के दौरान प्रशासन को सारे कामों को बिना किसी रुकावट के संभालने का पूरा अधिकार होगा। इसके साथ ही, एक बात और—महाकुंभ मेला जिला अस्थायी है, यानी जैसे ही महाकुंभ खत्म होगा, यह जिला वापस अपने पुराने रूप में आ जाएगा..अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर इस नए जिले की कमान कौन संभालेगा ..तो बता दें कि 

महाकुंभ मेला के नए कलेक्टर विजय किरन आनंद होंगे, और उनकी जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण होगी। वह मेलाधिकारी के तौर पर पूरी व्यवस्था संभालेंगे। जैसे ही यह आयोजन शुरू होगा, योगी जी की टीम भी पूरी ताकत से इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जुट जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 13 जनवरी को गंगा पूजन से इस महाकुंभ की शुरुआत करेंगे, और इस दौरान सारी तैयारियों का जायजा लेंगे। इसी के साथ चलिए आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर कैसे बनता है अस्थायी जिला? 

  • जिला बनाने का अधिकार राज्य सरकारों के पास होता है
  • नया जिला बनाने के लिए सरकार को आधिकारिक राजपत्र पर अधिसूचना जारी करनी होती है
  • इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यकारी आदेश दे सकते हैं या फिर इसके लिए विधानसभा में कानून पारित करके नया जिला बनाया जा सकता है.
  • इसके अलावा राज्य सरकार जिले का नाम बदल सकती है और किसी जिले का दर्जा भी खत्म कर सकती है.
  • हलांकि जो महाकुंभ मेला जनपद बनाया गया है, वो अस्थायी है
  • इसके लिए उसी जिले के डीएम की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है

अब बात करें महाकुंभ की तो, यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होगा, और इसमें कुल छह शाही स्नान होंगे। इन स्नानों में लाखों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे। और आपको जानकर खुशी होगी कि इस बार महाकुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के दिन होगा। इसके बाद बाकी स्नान होंगे, लेकिन इस बार योगी सरकार की व्यवस्था के तहत हर स्नान के दिन हर चीज़ पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महाकुंभ मेला के आयोजन में कोई भी प्रशासनिक अड़चन नहीं आएगी। योगी  के इस फैसले ने साबित कर दिया कि वह केवल बड़े निर्णय लेने में माहिर नहीं हैं, बल्कि जटिल समस्याओं का हल भी बड़े जतन से निकाल सकते हैं।तो योगी जी ने जो यह नया जिला बनाया है, वह न केवल महाकुंभ के आयोजन को और भी शानदार बनाएगा, बल्कि यह यूपी की प्रशासनिक व्यवस्था को भी एक नई दिशा देगा। 

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