चुनाव आयोग ने एआई और फर्जी प्रचार पर जारी की सख्त एडवाइजरी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के लिए कड़ा संदेश जारी किया है। आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान एआई सृजित और बनावटी जानकारी के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने की एडवाइजरी दी है। इसका उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करना है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान हाइपर-रियलिस्टिक बनावटी जानकारी और एआई (Artificial Intelligence) सृजित कंटेंट के गलत इस्तेमाल को रोकने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि ऐसे कंटेंट का प्रचार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है और मतदाताओं को भ्रमित कर सकता है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखनी होगी। एआई के माध्यम से तैयार या बदले गए कंटेंट को प्रचारित करना चुनावी ईमानदारी के लिए खतरा है। आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने के अपने अधिकारों का हवाला देते हुए सभी दलों से ईमानदार प्रचार की अपेक्षा जताई।
भागलपुर में समीक्षा बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी और वरीय पुलिस अधीक्षक हृदयकांत की अध्यक्षता में चुनावी निगरानी पर चर्चा की गई। बैठक में अवैध राशि, लीकर और अन्य अवैध लेनदेन पर नजर रखने की दिशा में एनफोर्समेंट एजेंसियों की सक्रियता पर जोर दिया गया। राज्य कर आयुक्त संचित कुमार ने बताया कि बैंकों से कैश ट्रांजैक्शन की रिपोर्ट प्रतिदिन ली जा रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि स्टैटिक सर्विलांस टीम द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी जिला नियंत्रण कक्ष से लगातार की जाए।
भारत निर्वाचन आयोग की निर्देशानुसार भागलपुर में अभ्यर्थियों के चुनावी व्यय की जांच के लिए तीन तिथियां निर्धारित की गई हैं-31 अक्टूबर, 4 नवंबर और 8 नवंबर। बिहपुर और गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों की व्यय पंजी की जांच व्यय अनुश्रवण कार्यालय के भूतल पर होगी। पीरपैंती, कहलगांव और सुल्तानगंज के अभ्यर्थियों की जांच पहले तल पर की जाएगी। वहीं, नाथनगर और भागलपुर के अभ्यर्थियों की जांच अपीलीय कार्यालय कक्ष में की जाएगी। उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि को इन तिथियों पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर व्यय लेखा की जांच करानी होगी।
चुनाव आयोग की यह सख्ती इस बात को सुनिश्चित करेगी कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पूरी तरह से निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो। एआई और फर्जी प्रचार के बढ़ते खतरे के बीच यह कदम राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी भी है कि चुनावी ईमानदारी और मतदाताओं का भरोसा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
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