बिहार चुनाव 2025: बिहार में चलेगा सीएम योगी का जलवा, एनडीए को मिलेगा फायदा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी तैयारियों को जोर-शोर से तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में 20 से अधिक रैलियां करेंगे, जिनकी रूपरेखा अंतिम चरण में है। उनकी लोकप्रियता और सशक्त नेतृत्व को देखते हुए एनडीए के प्रत्याशी प्रदेश भर में उनकी रैलियों के लिए समय मांग रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होंगे। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रचार अभियान अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। खासकर मध्य और उत्तरी बिहार के जिलों में उनकी रैलियां सर्वाधिक होंगी। भाजपा प्रदेश इकाई प्रचार कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रही है, जिसमें योगी के प्रभावशाली भाषण और प्रशासनिक छवि को मतदाताओं पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ जनता के बीच कानून-व्यवस्था, विकास और हिंदुत्व की राजनीति के प्रमुख प्रतीक माने जाते हैं। उनके भाषणों में ऊर्जा और आक्रामकता होती है, जो पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरती है। भाजपा को उम्मीद है कि उनकी उपस्थिति से मतदाता प्रभावित होंगे और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।

चुनाव के दौरान बिहार के सात जिले ऐसे हैं, जिनकी 19 विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश से लगती हैं। इनमें पश्चिमी चंपारण की वाल्मीकि नगर और नौतन, गोपालगंज की कुचायकोट, भोरे और हथुआ, सीवान के जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा, सारण की एकमा, मांझी, छपरा, भोजपुर की बड़हरा, आरा, बक्सर की ब्रह्मपुर, बक्सर, राजपुर, कैमूर की रामगढ़ और चैनपुर शामिल हैं। ऐसे क्षेत्र जहाँ दूसरे राज्य की सीमा लगती है, वहां के चुनाव में पड़ोसी प्रदेश के नेताओं का भी असर देखा जाता है क्योंकि भाषा और संस्कृति समान होती है। कई बार पड़ोसी राज्यों के नेता प्रचार करते भी नजर आते हैं।

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में यूपी से सटी इन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर थी। आठ सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की थी जबकि महागठबंधन ने दस सीटें जीतीं। एक सीट पर बसपा का प्रत्याशी विजयी हुआ, जो बाद में जदयू में शामिल हो गया। भाजपा ने इन सीटों में से पांच पर जीत दर्ज की जबकि तीन पर दूसरे नंबर पर रही। जदयू को तीन सीटों पर जीत मिली और चार सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही।

महागठबंधन के भीतर राजद को तीन सीटें मिलीं और एक सीट पर दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं जबकि तीन पर दूसरे स्थान पर रही। सीपीआई (एम एल) (एल) ने दो सीटें जीतीं और तीन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही।

बसपा ने 2020 में बिहार की चैनपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी, जहां मोहम्मद जमा खान ने 23 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा के अंबिका सिंह दूसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर राजद के सुधाकर सिंह ने महज 189 वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं, यहां बसपा को कुल 57,894 वोट मिले थे जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर रही।

इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सक्रिय प्रचार और यूपी-सीमा वाले जिलों की अहमियत के बीच बिहार विधानसभा चुनाव 2025 एक और जबरदस्त मुकाबले का मंच साबित होगा। देखना होगा कि योगी की सख्त प्रशासनिक छवि और जोरदार रैलियों का असर वोटर्स पर कितना होता है और यूपी से सटी इन सीटों पर गठबंधन किस तरह का प्रदर्शन करता है। चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक पटल पर सभी दल अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तैयारी में हैं।

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