पशुपति कुमार पारस ने बिहार चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियाँ साफ होने लगी हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी। पारस ने महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश नाकाम होने के बाद यह बड़ा फैसला लिया है।
पशुपति कुमार पारस ने अपनी पार्टी की 33 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की और कहा कि महागठबंधन के साथ गठबंधन की उनकी कोशिश सफल नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 1977 से 2010 तक सात बार अलौली सीट से विधायक रहे पारस को उम्मीद थी कि राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन से उन्हें कम से कम तीन सीटें मिलेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
रामविलास पासवान के छोटे भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री पारस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए से नाता तोड़ लिया था। एनडीए ने उनकी पार्टी को एक भी टिकट नहीं दिया था, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी चिराग पासवान को पांच सीटें मिलीं, जिन पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की। पारस ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में मजबूत है और दलित सेना का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है। उन्होंने उम्मीदवारों की सूची में जाति और लिंग के संतुलन का ध्यान रखा है, जिसमें आठ एससी उम्मीदवार और छह महिलाएं शामिल हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में उनके पुत्र यशराज पासवान भी हैं। उन्होंने विपक्षी महागठबंधन की सीट बंटवारे की आलोचना करते हुए कहा कि कई सीटों पर उनके सहयोगी एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं, जो बिहार के लिए नुकसानदेह है। पारस ने अपनी राजनीतिक अलगाव और विपक्षी गठबंधन में शामिल न हो पाने पर अपनी नाराजगी जताई और आगामी चुनाव में स्वतंत्र होकर अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा जताया।
पशुपति कुमार पारस के इस फैसले ने बिहार की सियासत में नए समीकरण जोड़ दिए हैं। महागठबंधन से न जुड़ पाने के बाद अब देखना होगा कि RLJP अकेले चुनाव लड़कर कितना प्रभाव डाल पाती है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे, जो राजनीतिक दलों की ताकत का असली फैसला करेंगे।
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