"महागठबंधन जीता तो तेजस्वी ही होंगे सीएम", कन्हैया कुमार का बड़ा बयान

बिहार में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का बड़ा बयान सामने आया है, जिसने महागठबंधन (INDIA गठबंधन) की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा: "महागठबंधन में कोई भ्रम नहीं है। अगर हमारी सरकार बनती है, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे। वो हमारे नेता हैं और युवाओं की उम्मीद भी।"
तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर पहले भी गठबंधन के भीतर चर्चाएं होती रही हैं — खासकर कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर ‘अंदरखाने’ कुछ असहमतियाँ सामने आई थीं। लेकिन कन्हैया कुमार के इस बयान को "गठबंधन में नेतृत्व को लेकर स्पष्टता" के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस का यह रुख दिखाता है कि वह अब “सेकेंड फिडल” की भूमिका स्वीकार कर तेजस्वी को एकजुट विपक्ष का चेहरा बनाने के लिए तैयार है।
तेजस्वी पर क्यों है भरोसा?
कन्हैया कुमार ने तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा: "तेजस्वी यादव ने पिछले चुनावों में यह दिखा दिया कि वो एक गंभीर, मुद्दों पर आधारित राजनीति कर सकते हैं। रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दे आज भी उनके एजेंडे में हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि तेजस्वी न केवल RJD बल्कि पूरे महागठबंधन के बीच एक स्वाभाविक नेता बन चुके हैं, जिन्हें जनता का समर्थन भी मिलता है।
कन्हैया का संदेश किसके लिए था?
कन्हैया का यह बयान न केवल बीजेपी को एकजुट विपक्ष का संदेश देने के लिए था, बल्कि महागठबंधन के अंदर चल रही रस्साकशी को भी ठंडा करने की कोशिश माना जा रहा है। बीते कुछ हफ्तों से यह चर्चा चल रही थी कि कांग्रेस तेजस्वी को 'सीएम फेस' के रूप में घोषित करने से बच रही है। सीट शेयरिंग को लेकर भी दोनों दलों के बीच तनाव था। लेकिन अब कांग्रेस का एक राष्ट्रीय चेहरा सामने आकर तेजस्वी के पक्ष में बयान देता है, तो यह गठबंधन की मजबूती का संकेत है।
कन्हैया कुमार का यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया है। RJD कार्यकर्ताओं ने इसे "अटूट गठबंधन की मोहर" बताया, वहीं कांग्रेस के कुछ हलकों में इस पर संतुलित प्रतिक्रिया देखी गई है। वहीं बीजेपी नेताओं ने इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि "कांग्रेस अब अपनी भूमिका सीमित कर चुकी है और RJD की बैसाखी बन गई है।"
कन्हैया कुमार का यह स्पष्ट बयान न सिर्फ महागठबंधन के भीतर एकजुटता दिखाने का प्रयास है, बल्कि यह जनता तक यह संदेश पहुँचाने की रणनीति भी है कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा। अब देखना होगा कि आने वाले हफ्तों में गठबंधन की सीट बंटवारे की बातचीत में यह 'स्पष्टता' कितनी स्थायी साबित होती है।
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