एक उम्मीदवार, दो टिकट: आलमनगर से चुनावी चौकाने वाला मामला!

चुनावी मौसम में आए दिन कोई न कोई नई और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। लेकिन आज जो मामला बिहार के मधेपुरा जिले से सामने आया है, उसने सभी को हैरान कर दिया है। आलमनगर विधानसभा सीट से एक ही प्रत्याशी ने दो अलग-अलग दलों के सिंबल पर नामांकन दाखिल कर दिया है। ये मामला महागठबंधन के भीतर की रस्साकशी और सीटों के बंटवारे में चल रही खींचतान को खुलकर उजागर करता है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया के दौरान मधेपुरा जिले की आलमनगर विधानसभा सीट से एक अजीबो-ग़रीब मामला सामने आया है। यहां नवीन कुमार उर्फ नवीन निषाद नामक एक प्रत्याशी ने दो अलग-अलग दलों राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) दोनों के चुनाव चिह्न पर अपना नामांकन दाखिल किया है। नवीन कुमार पिछले चुनाव में भी आरजेडी के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन इस बार वे वीआईपी पार्टी के सिंबल पर भी मैदान में हैं। उन्होंने खुद स्पष्ट किया कि यह फैसला उन्होंने पार्टी हाईकमान के आदेश पर लिया है और वे आगे भी पार्टी की ही दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।

इस घटनाक्रम के पीछे की असली वजह महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जारी असमंजस है। आलमनगर सीट पहले RJD के खाते में मानी जा रही थी, लेकिन अंतिम समय में विकासशील इंसान पार्टी ने इस सीट को अपने हिस्से में ले लिया। ऐसे में एक ही प्रत्याशी ने दोनों दलों की तरफ से नामांकन कर चुनावी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी।
बताया जा रहा है कि महागठबंधन में लंबी बातचीत के बाद VIP को 15 सीटें देने पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी इसका आधिकारिक ऐलान बाकी है। यह समझौता पहले चरण की नामांकन की अंतिम तिथि से कुछ घंटे पहले हुआ। वहीं, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पहले 30 सीटों की मांग कर रहे थे और बाद में 20 सीटों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की मांग भी सामने रख दी थी।

इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर मतभेद अभी पूरी तरह से सुलझे नहीं हैं। अंतिम चरण में यह विवाद सुलझने की उम्मीद है, और संभावना है कि एक ही व्यक्ति द्वारा दाखिल किए गए दो नामांकन में से किसी एक को वापस ले लिया जाएगा।

कैसे एक ही प्रत्याशी के दो नामांकन ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। चुनावी रणनीति, सीटों की सौदेबाज़ी और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं ये सब मिलकर महागठबंधन के भीतर एक नया तनाव पैदा कर रही हैं। अब देखना होगा कि ये गुत्थी कब सुलझेगी और किसके हिस्से में आलमनगर की सीट जाएगी। 

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