लखनऊ में बीजेपी पार्षद को लगा झटका, सपा के ललित तिवारी को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी पार्षद प्रदीप शुक्ला को बड़ा झटका लगा है। जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने उनके पार्षद पद को रद्द कर दिया है। प्रदीप शुक्ला के विरोधी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ललित तिवारी ने उनके चुनाव को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने तिवारी के पक्ष में फैसला सुनाया।

मामला लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड-73 से जुड़ा है। 2023 के नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने वार्ड-73 से प्रदीप शुक्ला को उम्मीदवार बनाया था, जबकि सपा ने ललित तिवारी को मैदान में उतारा था। चुनाव के बाद शुक्ला विजयी घोषित हुए थे, लेकिन ललित तिवारी ने दावा किया कि विजयी पार्षद ने अपने हलफनामे में गलत जानकारी दी थी। उनके हलफनामे में पत्नी, बच्चों और संपत्ति की जानकारी नहीं दी गई थी, जबकि विवाद के अनुसार उनके दो-दो पत्नी हैं।

कोर्ट में प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर न्यायाधीश काशी प्रसाद यादव ने ललित तिवारी के पक्ष में फैसला सुनाया और प्रदीप शुक्ला का चुनाव रद्द कर दिया। अब फैजुल्लागंज वार्ड-73 के नए पार्षद के रूप में ललित तिवारी को निर्वाचित घोषित किया गया है।

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