ये रोग करता है केले के बीच के हिस्से को काला, ऐसे करें रोकथाम

अगर केले का बीच का हिस्सा काला पड़ने लगता है, तो यह आमतौर पर एक बीमारी या अनुचित परिपक्वता का संकेत हो सकता है। कुछ सामान्य कारण हैं, जो इस समस्या का कारण बन सकते हैं:

कारण:

काला धब्बा रोग (Black Sigatoka): यह एक फंगल संक्रमण है जो केले के पौधों को प्रभावित करता है। इस रोग के कारण केले की पत्तियाँ, और कभी-कभी फल का अंदरूनी हिस्सा भी काला पड़ सकता है। यह संक्रमण तेज़ी से फैलता है और फल के अंदर काले धब्बे बना देता है।

फलों का अत्यधिक पकना: यदि केले को अधिक समय तक पत्तियों या पौधों से टंगने दिया जाता है, तो वे बहुत जल्दी पकने लगते हैं, जिससे केले के अंदर की परतें काली या भूरे रंग की हो सकती हैं। यह विशेष रूप से तब होता है जब केले को थंडे वातावरण में रखा जाता है।

एथीलीन गैस (Ethylene gas): एथीलीन एक प्राकृतिक गैस है जो फलों के पकने में मदद करती है। अगर केले को अधिक एथीलीन गैस मिलती है, तो यह भी फल के अंदर काले धब्बे या कालेपन का कारण बन सकती है।

नमी और तापमान का प्रभाव: अत्यधिक नमी या तापमान में उतार-चढ़ाव भी केले के अंदर काले धब्बे उत्पन्न कर सकता है। यह समस्या खासकर उन फलों में अधिक देखने को मिलती है जो बाहर खुले में पके हों और जिनकी देखभाल ठीक से न की गई हो।

प्रबंधन और उपाय:

स्वास्थ्यप्रद खेती और रोग नियंत्रण:

ब्लैक सिगाटोका का इलाज: यदि काले धब्बे का कारण फंगल संक्रमण है, तो कृषि विज्ञान में बताए गए एंटीफंगल स्प्रे या फंगीसाइड्स का उपयोग करें। फूलों के दौरान पौधों का ध्यान रखें: सही देखभाल और पोषण देने से पौधों को बीमारी से बचाया जा सकता है।

परिपक्वता का नियंत्रण:

केले को ज्यादा पका हुआ छोड़ने से बचें। जब केले का बाहरी रंग गहरा हरा हो, तब उन्हें काटकर कमरे के तापमान पर रखें। इससे वे सही समय पर पकेगा और अंदर कालेपन की समस्या नहीं होगी। केले को यदि आपको जल्दी पकाना है तो उन्हें एथीलीन गैस के संपर्क में लाकर नियंत्रित पका सकते हैं, लेकिन ज़रूरत से ज्यादा नहीं।

सही तापमान और नमी का प्रबंधन:

केले को ठंडे स्थान पर रखें, लेकिन अत्यधिक ठंड से बचें। केला का भंडारण 12-14°C (54-57°F) तापमान पर करना अच्छा होता है। फलों के भंडारण के स्थान को सूखा रखें और नमी को नियंत्रित करें ताकि फंगल संक्रमण का खतरा कम हो।

बेहतर पैकिंग:

जब केले का भंडारण करें, तो उन पर कोई चोट न लगे, क्योंकि चोट के कारण भी फल के अंदर काले धब्बे आ सकते हैं। पैक करते समय ध्यान रखें कि फल एक दूसरे से टकराएं नहीं।

इन उपायों को अपनाकर आप केले के अंदर कालेपन की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ फल का आनंद ले सकते हैं।

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