बसपा में बड़ा फेरबदल...आकाश सभी पदों से बर्खास्त।

Adarsh kanoujia

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती  के सियासी दल बहुजन समाज पार्टी  में बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी को दो नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर मिले हैं. आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है और उनकी जगह उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद राम जी गौतम को बीएसपी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है.
मायावती के फैसले से पार्टी में घमासान की स्थिति है। इससे भविष्य में बड़े फेरबदल के भी आसार हैं। मायावती की नाराजगी का अंदाजा उनके इस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने आकाश पर कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अशोक सिद्धार्थ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अशोक ने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ आकाश का पॉलिटिकल कॅरिअर भी खराब कर दिया है। इसी वजह से आनंद कुमार ने बदले हालात में पार्टी व मूवमेंट के हित में अब अपने बच्चों का रिश्ता गैर-राजनीतिक परिवार के साथ ही जोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा, अशोक ने यूपी सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर कमजोर करने का घिनौना कार्य किया, जो कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सब उनके लड़के की शादी में भी देखने को मिला था। अशोक को पार्टी से निकालने के बाद उनकी बेटी पर अपने पिता का कितना प्रभाव पड़ता है और आकाश पर अपनी पत्नी का कितना प्रभाव पड़ता है, यह सब भी अब हमें देखना होगा, जो अब तक पॉजिटिव नहीं रहा है।

आसान नही होगी आगे की राह-

जानकारों की मानें तो मायावती के इस फैसले के बाद पार्टी की आगे की राह आसान नहीं है। अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद के समर्थकों को यह फैसला रास नहीं आएगा, जिसकी वजह से पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है। हरियाणा के बाद आकाश को दिल्ली विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसमें मायावती की अनुमति के बिना अशोक सिद्धार्थ हस्तक्षेप करने लगे थे। अशोक के पास दक्षिण के राज्यों की जिम्मेदारी थी, पर वे खुद को मायावती का करीबी रिश्तेदार बताकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकाने लगे थे।

दिल्ली विधान सभा चुनाव में बेदम रही बसपा-

हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा एक सीट पर भी फाइट करती हुई नजर नहीं आई। इसका नतीजा ये रहा कि बसपा दिल्ली चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल पाई। सिर्फ इतना ही नहीं, बसपा के करीब 50 से ज्यादा उम्मीदवार 1,000 वोट का आंकड़ा तक नहीं छू पाए। दिल्ली की मटिया महल सीट से बसपा उम्मीदवार तेज राम को मात्र 130 वोट मिले हैं।
दरअसल 2012 में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर हुई बहुजन समाज पार्टी का ग्राफ चुनाव दर चुनाव गिरता जा रहा है। यूपी विधानसभा 2022 के बाद हुए अन्य राज्यों के विधानसभा में भी बसपा कोई खास कमाल नहीं कर पाई।

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