शिमला मिर्च की उन्नत खेती के लिए करें ये काम, हो जाएंगे मालामाल

शिमला मिर्च (Capsicum / Bell Pepper) की खेती एक लाभकारी फसल मानी जाती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जलवायु ठंडी या समशीतोष्ण होती है। यह सब्जी अपने रंग, स्वाद और पोषक तत्वों के कारण बाजार में हमेशा मांग में रहती है। शिमला मिर्च की खेती से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी है:
1. जलवायु और तापमान
शिमला मिर्च को समशीतोष्ण या ठंडी जलवायु की जरूरत होती है।
20°C से 25°C का तापमान सबसे उपयुक्त है।
बहुत ज्यादा गर्मी (>30°C) या बहुत ठंडक (<10°C) फसल को नुकसान पहुंचा सकती है।
2. भूमि (Soil) की तैयारी
हल्की दोमट मिट्टी जिसमें अच्छी जल निकासी हो।
pH स्तर 6.0 से 7.0 के बीच हो।
खेत की गहरी जुताई कर के मिट्टी को भुरभुरी बनाएं और गोबर खाद या कंपोस्ट मिलाएं।
3. बीज की बुवाई और नर्सरी तैयार करना
बीज को सबसे पहले नर्सरी में बोया जाता है।
बीज बुवाई का समय:
मैदानी क्षेत्र: अक्टूबर–नवंबर (ग्रीनहाउस) या फरवरी–मार्च।
पहाड़ी क्षेत्र: मार्च–अप्रैल।
बीजों को बोने से पहले फंगस से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा या बाविस्टिन से उपचार करें।
4. रोपाई (Transplanting)
बीज अंकुरित होने के 30–40 दिन बाद जब पौधा 4–5 पत्तियों वाला हो जाए तब खेत में रोपाई करें।
पंक्ति से पंक्ति की दूरी: 45–60 सेमी
पौधे से पौधे की दूरी: 30–45 सेमी
5. सिंचाई (Irrigation)
पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करें।
फिर 7–10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
ड्रिप सिंचाई सबसे बेहतर होती है।
6. खाद और उर्वरक (Fertilizer)
प्रति एकड़:
गोबर खाद / कंपोस्ट: 10–15 टन
NPK (50:50:50) किलोग्राम
फसल के दौरान स्प्रे से माइक्रोन्यूट्रिएंट जैसे बोरॉन, कैल्शियम, जिंक दें।
7. रोग और कीट नियंत्रण
सामान्य कीट:
थ्रिप्स, एफिड, फल मक्खी
रोग:
झुलसन, मोज़ेक वायरस, डम्पिंग ऑफ
उपाय:
जैविक कीटनाशक: नीम का तेल स्प्रे
फसल चक्र अपनाएं
रोग प्रतिरोधक किस्मों का चयन करें
अगर आप ग्रीनहाउस में शिमला मिर्च उगाते हैं तो साल भर फसल मिल सकती है और ज्यादा मुनाफा होता है।
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