कैसा रहा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल का आखिरी दिन

आज यानी 8 अक्टूबर को देश के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन को व्यतीत किया. ऐसें में आज वो कहीं न कहीं भावुक भी थे. अपने काम से सबको प्रेम होता है. और फिर जब आपकी जिंदगी मे ऐसा दिन हो जब किसी को अपने काम को छोंड़कर जाना होे तो थोड़ी हताश होती है. ऐसे में आज जस्टिस का आखिरी दिन था तो आइए जानते है की कैसा रहा उनका ये आखिरी दिन

उन्होंने कहा, "कल शाम, जब मेरे रजिस्ट्रार ने मुझसे पूछा कि समारोह कब होना चाहिए तो मुझे दोपहर 2 बजे बताया गया क्योंकि हम बहुत सी चीजों को रैप कर सकते हैं. मैंने मन ही मन सोचा, क्या शुक्रवार दोपहर 2 बजे इस अदालत में कोई होगा? या फिर मैं खुद को ही स्क्रीन पर देखूंगा."

जस्टिस चंद्रचूड़ ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि एक युवा वकील के रूप में उन्होंने तर्कों की कला को देखा और अदालती कामकाज की बहुमूल्य तकनीकें सीखीं. उन्होंने कहा, "हम यहां तीर्थयात्री के रूप में काम करने आए हैं और हम जो काम करते हैं, उससे मामले बन भी सकते हैं और बिगड़ भी सकते हैं. ऐसे महान जस्टिस हुए हैं जिन्होंने इस कोर्ट को सुशोभित किया है और इस पद को आगे बढ़ाया है."

उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के अधीन संस्था के भविष्य को लेकर विश्वास जताते हुए कहा, "मेरे जाने के बाद इस कोर्ट में कोई अंतर नहीं आने वाला है, क्योंकि जस्टिस खन्ना जैसा स्थिर और गरिमामय शख्स इस कोर्ट का कार्यभार संभालेगा." 

उनकी यात्रा के दौरान उन्हें किस बात ने सहारा दिया, इस पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, "जब आप मुझसे पूछते हैं कि आपको क्या आगे बढ़ाता है तो इसका जवाब यही है कि मुझे क्या आगे बढ़ाता है. यह जस्टिस बनने की यात्रा है. मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं और आप सभी ने मुझे कानून और जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाया है. मैंने आज अपने निपटाए गए 45 मामलों से भी जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखा है." 

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