चर्चा में बांके बिहारी कॉरिडोर सपा कांग्रेस बोली हम नहीं बनने देंगे

चर्चा में बांके बिहारी कॉरिडोर--- सपा कांग्रेस बोली हम नहीं बनने देंगे 

 

मथुरा, वृंदावन, गोकुल और गोवर्धन ये केवल उत्तर प्रदेश के जिले या शहर ही नहीं बल्कि आस्था, भक्ति, विश्वास और परंपरा की डोर से लिपटे हमारे देश के वो आध्यात्मिक केंद्र और धरोहर हैं जिनसे देश के हर जनमानस की प्रेम और भक्ति भावना जुडी हुई है। अमूनन मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह वाले मामले से तो चर्चा में ही बना रहता है पर अभी एक मामला और चर्चा में आ गया है जिसका अब राजनीतिकरण किया जा रहा है। 

जी हाँ मामला है वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का जो अब इस समय चर्चा के केंद्र में है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या और काशी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के एक और आध्यात्मिक केंद्र, भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और पौराणिक धरोह कॉरिडोर बनाकर बेहतर करने की दिशा में काम करने की  तैयारी में है हालांकि ये उद्देश्य योगी सरकार की प्राथमिकताओं में पहले नहीं था पर बांके बिहारी मंदिर में 2022 को हुई भगदड़ की घटना जिसमे 2 लोगों की मौत और कई दर्जन घायल हुए थे उसके बाद जब इस मामले पर जांच बैठी तो तत्कालीन मंडलायुक्त गौरव दयाल ने भीड़ और कम जगह  को घटना का  कारण बताते हुए कॉरिडोर बनाने की सिफारिश की थी तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले में आगे बढ़ते हुए कॉरिडोर बनाने की मंशा के अनुरूप तैयारी शुरू कर दी। जिसमे 5 एकड़ जगह पर  बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की  योजना बनाई गयी जिसमे सर्वे की शुरुआत होते ही बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी परिवार द्वारा जमकर विरोध किया गया उनका कहना था कि योगी सरकार  बांके बिहारी मंदिर परिसर के मूल स्वरुप यानि कुञ्ज गलियों को खत्म करते हुए पौराणिक इतिहास को मिटाकर कॉरिडोर व्यवस्था को लाना चाहती है अब सरकार की नज़र मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति और भूमि का उपयोग कर इस आध्यात्मिक धरोहर को पर्यटन केंद्र में बदलने के प्रयास में हैं। ये भी बात सामने आई की यूपी सरकार बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के पैसे का उपयोग इस व्यवस्था में करने वाली है। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर की दिशा में सरकार के कदम के बाद  इसको लेकर सेवायत गोस्वामी परिवार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है तो है हाईकोर्ट का आदेश आता है कि आप बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के पैसे का इस्तेमाल बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने में नहीं करेंगे।  पर जब ये मामला सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट ले जाया जाता है तब यूपी सरकार को न केवल बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने की अनुमति मिलती है बल्कि बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के 360 करोड़ रूपये का उपयोग इस ऐतिहासिक परियोजना में करने की भी बात कही जाती है जिसमे सरकार की योजना के तहत बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के 360 करोड़ रूपये में से 250 करोड़ भूमि अधिग्रहण करने मुआवजा देने और कॉरिडोर बनाने में खर्च होंगे बाकी 110 करोड़ बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के खाते  में जमा रहेंगे जिसके व्याज से मंदिर व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सेवायत गोस्वामी परिवार द्वारा कोई रास्ता नहीं नज़र आने पर सीधे सरकार से बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर न बनाने की मांग की जा रही है यहाँ तक कि सेवायत गोस्वामी परिवार की महिलाओं द्वारा अपने खून से पत्र लिख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ये परियोजना रोकने और बांके बिहारी मंदिर के मूल स्वरूप को बनाये रखने की मांग की। बैसे इस मामले में लोगों की श्रद्धालुओं की मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है कोई बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना को बेहतर बता रहा है तो कोई कह रहा है कि बांके बिहारी मंदिर के मूल स्वरुप यमुना किनारे कॉरिडोर बनाकर भीड़ को नियंत्रित किया जाये। पर सबसे बड़ी बात ये है कि अब यूपी सरकार और सेवायत गोस्वामी परिवार के बीच चल रहा ये मामला सियासत की भेंट चढ़ गया है। आपको बता दें कि इस मामले पर देश की दो बड़े विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा सेवायत गोस्वामी परिवार का साथ देते हुए बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर न बनने देने का ऐलान किया है।     

Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav ...

आपको बताते चले कि इस मसले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे भारतीय जमीनी पार्टी बताया है. लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी जहां जमीन देखती है वहां कब्जा कर लेती है.जिसको लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तो इस कॉरिडोर को लेकर बड़े आरोप योगी सरकार पर लगा दिए हैं।  सपा प्रमुख अखिलेशज यादव का कहना है कि अन्य देशो में भी परंपरा और धरोहर को बचाते हुए विकास किया जा रहा है तो ये व्यवस्था यहाँ क्यों नहीं करते। तो वहीं इस मुद्दे पर कल यूपी कांग्रेस के प्रदेश अजय राय ने सीधे सरकार को चेतावनी देते हुए बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर न बनने देने की बात कर रहे है। इसी मामले पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा हिंदुत्व के नाम पर आई भाजपा सरकार लगातार हिंदू धर्म के स्थलों के साथ खिलवाड़ कर रही है। दुनिया में जितने भी प्राचीन शहर हैं। सबने अपना स्वरूप बचाकर रखा है। किसी ने उसको नहीं बदला है वह चाहे मिस्र हो या वेनिस हो। केवल भाजपा सरकार पुराने सांस्कृतिक तथा धार्मिक स्थलों को नष्ट कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पहले बनारस के मूल स्वरूप को बर्बाद किया गया। सैकड़ो शिवलिंग और मंदिरों को तोड़ा गया, वट वृक्ष काट दिया गया। फिर अयोध्या में अधूरे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई और अब दोबारा प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है, जो कभी नहीं होता है।

Congress state president Ajay Rai sits on dharna in Bankebihari | बहुएं  बोलीं- बनारस की तरह वृंदावन में कॉरिडोर मंजूर नहीं: अजय राय का जवाब- पूरी  कांग्रेस आपके साथ, विरोध ...
अब इनकी निगाह मिर्जापुर के मां विंध्य बासिनी के मंदिर पर है इसके साथ साथ ये लोग अब वृंदावन की कुंज गलियों को भी खत्म कर देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी ईश्वर से जुड़े आस्था के स्थान हैं। जिनको भाजपा सरकार पर्यटन स्थल या पिकनिक स्पॉट में बदल रही है।

अब इस मामले में आगे क्या होगा बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनेगा या नहीं तमाम सवालात मन में है पर एक ही बात कहना चाहूंगा हर विकास हर नीति मंजूर है बस उसमे किसी का रक्त या आंसू न बहे हों। विकास जरुरी है तो विरासत और धरोहर को उसके मूलस्वरूप में बनाये रखने की परंपरा भी जरुरी है।  

 

 

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