चैटजीपीटी 5 लॉन्च: अब एआई बनेगा आपका असली एक्सपर्ट, मिनटों में बनाएगा ऐप

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में हलचल मचाने के लिए ओपनएआई ने अपने सबसे ताकतवर और उन्नत मॉडल GPT-5 को लॉन्च कर दिया है। और सबसे खास बात – यह अब सभी के लिए बिलकुल मुफ्त में उपलब्ध है। GPT-5 अब चैटबॉट के रूप में ही नहीं, बल्कि ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस यानी API के रूप में भी काम करेगा, यानी इसके इस्तेमाल के तरीके अब पहले से कहीं ज़्यादा लचीले और शक्तिशाली होंगे।
GPT-5 को तीन अलग-अलग रूपों में उतारा गया है – GPT-5, GPT-5-मिनी, और GPT-5-नैनो। ये वर्ज़न यूजर्स की जरूरत और डिवाइस की क्षमता के अनुसार काम करेंगे। अच्छी खबर यह है कि अब GPT-5 12 से ज्यादा भारतीय भाषाओं को बेहतर तरीके से समझ और जवाब दे सकता है। यानी अब आप इसे हिंदी, तमिल, बंगाली या मराठी में भी टास्क दे सकते हैं, और यह बिना झिझक काम कर देगा।
"ये कोई आम एआई नहीं है, ये जैसे किसी असली एक्सपर्ट से बात करना है," – ये कहना है ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का। उनके मुताबिक, GPT-5 न सिर्फ GPT-4 से ज्यादा तेज़ और समझदार है, बल्कि यह आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) की ओर एक ठोस कदम भी है।
GPT-5 की सबसे दिलचस्प खासियत है इसका "इंस्टेंट सॉफ्टवेयर बिल्डिंग" टैलेंट। अब आपको ऐप बनाने के लिए घंटों कोडिंग सीखने की जरूरत नहीं। आप सिर्फ बोलिए या निर्देश दीजिए – और GPT-5 आपके लिए चलने लायक कोड खुद तैयार कर देगा। ओपनएआई के चैटजीपीटी हेड निक टर्ली बताते हैं कि यूजर अब केवल वेब ऐप्लिकेशन का एक छोटा सा वर्णन देगा, और GPT-5 उसे पूरा सॉफ्टवेयर बनाकर पेश कर देगा – वो भी मिनटों में।
ओपनएआई ने GPT-3.5 को नवंबर 2023 में लॉन्च किया था, और तब से लेकर अब तक उसने टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा नाम बना लिया है। GPT-5 अब तक के सभी मॉडलों में सबसे सटीक, तेज़ और भ्रम-रहित मॉडल साबित होगा।
ओपनएआई की सुरक्षा टीम के प्रमुख एलेक्स ब्यूटेल ने भी कहा है कि GPT-5 को खासतौर पर यूजर की सुरक्षा और भ्रम से बचाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यानी न सिर्फ यह आपके सवालों का सही जवाब देगा, बल्कि झूठ, भटकाव और धोखे से भी बचेगा।
संक्षेप में कहें तो:
GPT-5 सिर्फ एक एआई मॉडल नहीं, बल्कि अब यह आपके डिजिटल ज़िंदगी का स्मार्ट पार्टनर बनने के लिए तैयार है – जो न सिर्फ सोचता है, बल्कि तेजी से निर्णय भी लेता है और काम भी पूरा करता है।
अब एआई से बात करना ऐसे लगेगा जैसे किसी PhD एक्सपर्ट से सीधा संवाद हो रहा हो – तेज, तार्किक और भरोसेमंद।
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