प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में ₹1.97 करोड़ का भुगतान अटका

बिलाईगढ़ : छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) के अंतर्गत विकासखंड बिलाईगढ़ की 21 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के दौरान स्वीकृत 89 विकास कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। लेकिन 18 महीनों के बाद भी इन कार्यों की अंतिम किश्त का भुगतान नहीं हो पाया है।
कुल लंबित राशि ₹1,97,52,009.00 है, जिससे पूर्व सरपंचों पर भारी कर्ज का बोझ आ गया है। पंचायतें आर्थिक संकट से जूझ रही हैं, और जनप्रतिनिधियों में भारी असंतोष व्याप्त है।
समय पर कार्य, लेकिन भुगतान अधर में पूर्व सरपंचों ने बताया कि सभी कार्यों को समय पर पूरा कर जनपद पंचायत बिलाईगढ़ द्वारा आवश्यक दस्तावेज सारंगढ़ कार्यालय को भेज दिए गए थे। कई बार पत्राचार, मौखिक आग्रह और विभागीय फॉलोअप के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पंचायतवार लंबित भुगतान सूची:
क्र. ग्राम पंचायत कार्यों की संख्या लंबित राशि (₹)
1 डोटो 4 ₹9,50,000.00
2 भोथाडीह 3 ₹5,00,000.00
3 भिनोदा 5 ₹8,50,000.00
4 छपोरा 4 ₹12,00,000.00
5 बछौरडीह 3 ₹7,50,000.00
6 धौराभांठा घो 2 ₹3,40,434.00
7 तिलाईपाली 7 ₹18,87,965.00
8 जोरापाली 8 ₹19,54,875.00
9 रमतला 4 ₹7,67,652.00
10 मुच्छमल्दा 3 ₹9,31,000.00
11 पीपरडुला 10 ₹16,65,644.00
12 गगोरीटाडा 2 ₹5,00,000.00
13 टाडापारा 4 ₹11,00,000.00
14 बगलोटा 5 ₹13,48,597.00
15 केडियारवार 1 ₹61,743.00
16 करबाडबरी 1 ₹3,85,571.00
17 पिकरीपाली 4 ₹9,50,000.00
18 कोदवा 4 ₹10,67,902.00
19 जोगेसरा 7 ₹11,92,000.00
20 कोट 2 ₹5,11,000.00
21 गदहाभांठा 5 ₹8,37,626.00
कुल 89 कार्य ₹1,97,52,009.00
दस्तावेज पूरे, पर बजट का संकट विभागीय पत्र क्रमांक 4044/PMAGY/आ.वि./2024-25 दिनांक 17.03.2025 एवं टीएल आवेदन दिनांक 02.06.2025 के अनुसार सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर विभाग को सौंपे जा चुके हैं।
हालांकि, विभागीय सूत्रों ने स्पष्ट किया कि— बजट की अनुपलब्धता के कारण भुगतान रुका हुआ है।”
यह बयान पूर्व सरपंचों की आशाओं पर पानी फेरने जैसा है। पूर्व सरपंचों की पीड़ा पूर्व सरपंचों ने एक सामूहिक बयान में कहा: हमने ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया। दस्तावेज पूरे हैं, कार्य समय पर पूरे हुए। फिर भी 18 महीनों से हमें भुगतान नहीं मिला। अब हम निजी कर्ज में डूब चुके हैं। हमारी गुहार है कि ₹1.97 करोड़ की लंबित राशि शीघ्र जारी की जाए।”
परिणाम और संभावित प्रभाव यदि शीघ्र राशि जारी नहीं की गई, तो—ग्राम पंचायतों का मनोबल कमजोर होगा भविष्य में योजनाओं की क्रियान्वयन में भागीदारी कम होगी स्थानीय प्रतिनिधियों में शासन के प्रति अविश्वास बढ़ेगा
सुझाव और मांगें:
1. शासन तत्काल बजट जारी कर लंबित राशि का भुगतान सुनिश्चित करे।
2. संबंधित विभागों को समयसीमा में कार्य सत्यापन और निपटान की जिम्मेदारी दी जाए।
3. पूर्व सरपंचों की शिकायतें जनसुनवाई पोर्टल में दर्ज कर त्वरित समाधान हो।
रिपोर्टर - सुनील जोल्हे
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