चिलम की आग में सुलगता शहर और गांव का युवा

छत्तीसगढ़ : मनेन्द्रगढ़ के शहर व ग्रामीण क्षेत्र में गांजा पिने वाले शौकिनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। क्षेत्र के गंजेड़ी अक्सर सुनसान बस स्टैंड, बंद स्कुल और जंगलों को अपने नशे का अड्डा बना रहे हैं। युवाओं के साथ-साथ अब नाबालिग बच्चे भी चिलम में सुलगती आग से धुंआ निकाल रहे हैं। वर्तमान में देखा जा रहा है की ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे बड़े दुकानों और होटलों में बच्चों को बिठाकर चिलम का नशा परोसा जा रहा है। इन सब के बिच परिजन परेशान हैं और प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही कर नहीं रहा। जबकि क्षेत्र के नवयुवाओं की ज़िन्दगी गांजे की पुड़िया में सिमट रही है।
गांजा के शौकिनों की बिगड़ रही मानसिक स्थिति
लगातार गांजा का सेवन करने से नवयुवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ रही है वह पागलों जैसी हरकत करते हैं अगर उन्हें चिलम की आग ना मिले तो वे मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं।
परिजन परेशान, बच्चे चिलम में मस्त
लगातार चिलम से धुआं निकालने के अपने शौक को बरकरार रखने के लिए युवाओं ने तो अपने घरों का सामान तक बेचना प्रारम्भ कर दिया है। लेकिन पुलिस प्रशासन इस ओर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
शहर से लेकर गांव तक धुआं धुआं
गांजा और चिलम अब मनेन्द्रगढ़ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी अपनी चपेट में लेता जा रहा है। बच्चों के अभिभावक भी परेशान हैं जिला एमसीबी के कई बच्चों को तो अभी तक नशा मुक्ति केंद्र भी भेजा जा चुका है।
रात भर इलाके में ग़दर
क्षेत्र में शौकीन गांजा का सेवन कर नशेड़ी रात भर ग़दर करते हैं शहर से लेकर गांव तक रहने वाले लोग काफी परेशान हो चुके हैं लेकिन पुलिस प्रशासन अभी तक गांजे की बिक्री करने वाले एवं गांजे का सेवन करने वालों पर कोई कार्रवाई नही कर पा रही है।
रिपोर्टर : मुस्ताक कुरैशी
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