संघ आंदोलन नहीं करता, आंदोलित करता है" – पं. धीरेंद्र शास्त्री

छतरपुर : महाकौशल प्रांत का "संघ शिक्षा वर्ग सामान्य विद्यार्थी" का उद्घाटन समारोह छतरपुर सरस्वती शिशु मंदिर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। उद्घाटन सत्र में मंच पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, वर्ग के सर्वाधिकारी मा. नागेंद्र बहादुर सिंह और महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीमान बृजकांत जी उपस्थित रहे। पं. धीरेंद्र शास्त्री जी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि “संघ आंदोलन नहीं करता, आंदोलित करता है।” उन्होंने वर्ग की संकल्पना को साधना और तपस्या की उपमा देते हुए कहा कि संघ की कठोरता और अनुशासन हमारे विचारों में क्रांति लाते हैं। शास्त्री जी ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे संघ के इस शताब्दी वर्ष में वर्ग का भाग बनकर अपने जीवन को गौरवान्वित करें, और जो सीखें उसे समाज में प्रसारित करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “हम पहले स्वयं को बदलें, फिर परिवार, गांव, समाज और अंततः देश को बदलना संभव होगा।” जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद को भारत की मूल समस्याएं बताते हुए उन्होंने इनसे ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी। "बातों से नहीं, रातों से सफलता मिलती है" – यह मंत्र देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को ब्रह्ममुहूर्त में जागने और परिश्रम की पराकाष्ठा करने का संदेश दिया। प्रांत प्रचारक श्री बृजकांत जी ने वर्ग को "सामूहिक साधना" बताते हुए संघ की 100 वर्षों की यात्रा के चार चरणों का विवेचन किया – संगठन, समाज जीवन में प्रवेश, सामाजिक आंदोलनों का विस्तार और गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण। उन्होंने कहा, “परिवर्तन क्रांति से नहीं, संक्रांति से होता है। संघ विचारों की शाश्वत परंपरा है – नित्य नूतन, चिर पुरातन।” वर्ग में पूरे महाकौशल प्रांत से 182 विद्यार्थी शिक्षार्थी एवं 35 शिक्षक उपस्थित हुए। यह 15 दिवसीय शिक्षा वर्ग 10 मई से 26 मई 2025 तक चलेगा, जिसमें विद्यार्थियों को राष्ट्रसेवा, अनुशासन, शारीरिक अभ्यास और वैचारिक प्रशिक्षण का सघन अभ्यास कराया जाएगा।
रिपोर्टर : रजनीश शर्मा
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