आज छठ महापर्व का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य , जाने अर्घ्य का शुभ मुहूर्त

आज महापर्व छठ का सबसे महत्वपूर्ण और तीसरा दिन हैं.छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती हैं.पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता हैं.आज सायंकालीन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वही लोग इसकी तैयारी जोरो से कर रहे है. वही इस व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता हैं.क्योंकि इस व्रत को 36 घंटों तक रखना होता हैं.
आस्था का महापर्व छठ मुख्य रूप से बिहार में बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं.छठ पूजा का व्रत संतान के सुखी जीवन की उन्नति के लिए किया जाता हैं.साथ ही छठ पूजा के पीछे की कथा यह हैं कि भगवान सूर्य और उषा के पुत्र यम को मृत्यु का देवता बनाया गया था, लेकिन यम की मृत्यु की शक्ति से लोगों को बहुत परेशानी होती थी.तब भगवान सूर्य और उषा ने अपने पुत्र यम को वरदान दिया कि वे हर साल छठ पूजा के दौरान लोगों की प्रार्थना सुनेंगे और उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे.
संध्या अर्घ्य का समय
छठ पर्व में मुख्यतः सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया हैं.आज छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं. आज के दिन को संध्या अर्घ्य का दिन माना जाता हैं.आज के दिन व्रत रह रही महिलाएं घाट जाकर डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देंगी. वही अगर सूर्य देव को अर्घ्य देने के शुभ मुहूर्त की की बात करे तो पंचांग के अनुसार सूर्योदय प्रातः 06:42 बजे तथा सूर्यास्त सायं 05:48 बजे होगा. जिस दौरान भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे.
उगते सूर्य को अर्घ्य
सप्तमी तिथि मतलब चौथे दिन को आस्था का महापर्व छठ पूजा का अंतिम दिन मना जाता हैं.इस दिन महिलाएं उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं और और फिर 36 घंटे तक किए जाने वाले व्रत का परण करती हैं. वही उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के शुभ मुहूर्त की बात करे तो पंचांग के अनुसार अर्घ्य का समय 08 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक होगा. जिसके बाद 36 घंटों का व्रत समाप्त हो जाएगा.
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