धमधा के होटलों और रेस्टोरेंट में हो रहा है घरेलु गैस का उपयोग खाद्य विभाग मौन

धमधा : धमधा शहर में इन दिनों होटलों और रेस्टोरेंट में जमकर घरेलु गैस सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा है जबकि यह व्यवसायिक प्रयोजन में आता है और खाद्य विभाग ऐसे मामलों में कार्रवाई तो दूर जांच भी नहीं करती है।रेस्टोरेंट में खाद्य पदार्थों का मूल्य को मनमाने तौर पे बढ़ाई जा रही है और खुद बा खुद कम दरो के चक्कर में घरेलु गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे है।आला अफसर मौन बैठकर सरँक्षण दे रहे है, वही आने वाले सबसे बड़ी पर्व दीपावली में प्रत्येक होटलों एवं रेस्टोरेंट में मिस्ठान बनाकर बेचे जाएगी लेकिन अब तक कोई पर्व में भी मिस्ठान का जांच नहीं करते.धमधा शहर के जाने माने रेस्टोरेंट में खुलेआम घरेलु गैस का उपयोग करते हुए नियमों को ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है। वही बैठकर आला अधिकारी नास्ता खा लेंगे पर नजरअंदाज करते हुए निकल जाते है। लोगों की रसोई में काम आने वाली एलपीजी गैस का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। धमधा से लेकर छोटे-मोटे बाजारों तक बड़े-बड़े होटलों से लेकर चाय नाश्ते की दुकानों पर धड़ल्ले से घरेलू रसोई गैस का उपयोग किया जा रहा है। इस ओर ना तो कभी संबंधित विभाग के अधिकारियों की नजर जाती है और ना ही कभी कोई धरपकड़ की बात ही सामने आती है। नतीजा है कि बेखौफ होकर होटल व चाय-नास्ते की दुकान वाले घरेलू गैस का धड़ल्ले उपयोग कर रहे हैं। धमधा में होटल हों या ढाबा, चाय की टपरी से लेकर खाने-पीने की बेचने वाली दुकानों पर धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग होते देखा जा रहा है। शहर में खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर घर में उपयोग होने वाले घरेलू गैस सिलेंडर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में आसानी से देखे जा सकते हैं। वहीं बाजार में दुकानदार और चाय-नाश्ता ठेल और दुकानदार भी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग करते दिखाई दे रहे हैं। कार्रवाई नहीं धमधा के बड़े होटलों में भी इनका उपयोग होता दिखाई दे रहा है। जानकारी के अनुसार कई ठेले वालों और दुकानदारों ने तो रजिस्ट्रेशन तो करा रखा है, लेकिन ये सिलेंडर महंगा होने की वजह से सब्सिडी वाले सिलेंडरों का उपयोग नहीं कर रहे। शहर के कई दुकानदार और ठेलेवाले और होटल संचालकों के पास व्यावसायिक गैस सिलेंडरों का कनेक्शन नहीं है। इसलिए वे घरेलू गैस सिलेंडरों का खुलेआम उपयोग कर रहे हैं। जबकि व्यापार के लिए व्यावसायिक गैस सिलेंडर का उपयोग करना अनिवार्य है। इस तरफ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रिपोर्टर : हेमंत पाल
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