तालाब में तब्दील छात्रावास बेड के नीचे दूषित पानी छत से टपकता पानी जगह-जगह दीवालों में दरार खतरे में बच्चों का जीवन

सूरजपुर :  जिला मुख्यालय सूरजपुर में नगर के बीचो-बीच प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास संचालित हो रहा है। छात्रावास में 66 पुराने और 34 नए छात्र यहां रहते हैं बच्चों को हर वर्ष बारिश में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश शुरू होते ही छात्रावास परिसर में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण घुटने तक पानी भर जाता है।जिसके कारण पूरा परिसर तालाब में तब्दील हो गया है

 
बारिश के मौसम में छात्रावास परिसर और अंदर छात्रों के रहने और सोने वाले कमरे में पानी भरा रहता है। घुटनों तक पानी से गुजर कर विद्यार्थियों को छात्रावास के अंदर आना और जाना पड़ता है।शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी पानी निकासी के लिए कोई उचित उपाय नहीं किया जा रहा है, जिससे छात्रों में आक्रोश है।                     

भाग्य भरोसे छात्रावास।                 


इस छात्रावास की व्यवस्था भाग्य के भरोसे संचालित हो रही है।यहां अव्यवस्था वर्षों से विद्यमान हैं। इसके बावजूद बार-बार शिकायत मिलने के बाद भी आज तक इन मामलों में संज्ञान नहीं लिया गया।                     


छात्रावास की जर्जर हालत खतरे में बच्चों की जिंदगी
                                                       इस प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास की हालत इतनी जर्जर है की हर पल बच्चों की जिंदगी खतरे में रहती है, वर्षों पहले बनी इस छात्रावास की टपकती छत फटी दीवारों के कारण बच्चों के जीवन सुलभ शिक्षा व्यवस्था के लिए संकट बन चुकी है। छात्रावास के बच्चे डर के माहौल में रहते हैं।                                  

बेड के नीचे गंदा पानी बेड के ऊपर टपकता पानी ऐसे में कैसे पढ़ेंगे बच्चे ?                          

बच्चों के रहने का कमरा देखने में किसी भूत बंगला की तरह दिखता है,कमरों में चारों तरफ पानी ही पानी हर काम गंदे पानी पर चलकर ही बच्चों को करना है,जिससे बच्चों में बेहद गंभीर संक्रमण फैलने का अंदेशा है,दीवारों की स्थिति इतनी गंभीर है जगह-जगह दीवारों में दरार, बारिश होने पर छत से टपकता पानी छात्रावास के अंदर बाहर गंदगी का अंबार यह बेहद अमानवीय और दिल दहला देने वाला दृश्य है। जिला मुख्यालय में ही रहने वाले उच्च अधिकारियों को चंद कदम दूर खतरों में जीते बच्चों और छात्रावास की जर्जर स्थिति को देखने की फुर्सत नहीं है कुल मिलाकर इस छात्रावास को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया है किसी गंभीर घटना के इंतजार में।                           


इस अमानवीय दृश्य को देखकर समाजसेवी सीताराम भास्कर ने कहा इस छात्रावास में जल भराव के कारण अव्यवस्थाओं का आलम है यहां रहने वाले ग्रामीण बच्चे दयनीय स्थिति में रहने को मजबूर हैं,उन्होंने प्रशासन से छात्रावास की इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।                          

  कई वर्षों से कर रहा हूं शिकायत परंतु कोई समाधान नहीं:- छात्रावास अधीक्षक 

  
छात्रावास अधीक्षक विजय कुमार टोप्पो ने कहा यह भवन बहुत पुराना और जर्जर हो चुका है नए भवन का हमेशा मांग किया जाता रहा है परंतु प्रशासन ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया,कल ही मंडल संयोजक दिनेश सिंह से बोला हूं उन्होंने आने के लिए बोला था परंतु आज तक नहीं आए हैं।                         


इस मामले में सहायक आयुक्त घनश्याम सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा।

रिपोर्टर :  सुरेन्द्र साहू 

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