केरल के कोल्लम में चिकनपॉक्स की चुनौती, जानिए बचाव के उपाय

केरल के कोल्लम जिले में हाल ही में चिकनपॉक्स (Chickenpox) के मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। 17 अक्टूबर तक जिले में 97 लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। 

क्या है चिकनपॉक्स?

चिकनपॉक्स, जिसे हिंदी में 'चेचक' भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो वेरिसेला-जोस्टर वायरस (Varicella-Zoster Virus) के कारण होती है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसी, छींक या सीधे संपर्क से फैलती है। बच्चों में यह हल्की होती है, लेकिन बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में गंभीर हो सकती है।

कोल्लम में मामलों की वृद्धि के कारण

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, वर्षा ऋतु के दौरान मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण चिकनपॉक्स के मामलों में वृद्धि हुई है। कोल्लम शहर में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में एक व्यक्ति के संक्रमित होने से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। 

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी और उपाय

स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने की अपील की है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को इस बीमारी से बचाव के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विभाग ने टीकाकरण अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों की शुरुआत की है ताकि इस प्रकोप को नियंत्रित किया जा सके। 

चिकनपॉक्स से बचाव के उपाय

टीकाकरण: चिकनपॉक्स का टीका बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए प्रभावी है।

स्वच्छता: हाथों की नियमित धुलाई, व्यक्तिगत वस्त्रों का उपयोग, और सार्वजनिक स्थानों पर सतहों की सफाई से संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है।

संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचें, खासकर जब तक सभी फफोले सूख न जाएं।

स्वास्थ्य देखभाल: यदि किसी में बुखार, चकत्ते या थकावट जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग ने अगले दो सप्ताह को महत्वपूर्ण बताया है, क्योंकि इस अवधि में संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और इस बीमारी के प्रसार को रोकने में सहयोग करें।

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