पीडीए पाठशाला को लेकर बढ़ा विवाद, यूपी में सियासत तेज

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के खिलाफ समाजवादी पार्टी का आंदोलन तेज हो गया है। सपा द्वारा शुरू की गई ‘पीडीए पाठशाला’ अब सियासी बहस का केंद्र बन गई है। इसी कड़ी में लखनऊ में सपा नेत्री पूजा शुक्ला के खिलाफ बिना अनुमति सरकारी स्कूल में पीडीए पाठशाला संचालित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा के वरिष्ठ नेता और लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बीजेपी को शिक्षा विरोधी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं चाहते कि गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे शिक्षित हों। मेहरोत्रा ने कहा कि योगी सरकार ने 5000 से अधिक प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लिया है, जिसका सपा ने विरोध किया और जवाब में ‘पीडीए पाठशाला’ की शुरुआत की ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शिक्षा के अधिकार को कुचल रही है और सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कराकर आंदोलन को दबाना चाहती है।
मुकदमों से डरने वाली पार्टी नहीं है सपा-
रविदास मेहरोत्रा ने कहा, “हम 250 बार जेल जा चुके हैं। सपा संघर्षों से निकली पार्टी है। हम डरने वाले नहीं हैं। प्रशासन ने इस पहल को राजनीतिक प्रचार मानते हुए सपा नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। लखनऊ के सैरपुर थाने में पूजा शुक्ला और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ अनधिकृत प्रवेश और अवैध स्कूल संचालन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
योगी सरकार पर स्कूल बंद करने का आरोप-
सपा विधायक ने आरोप लगाया कि योगी सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के बजाय उन्हें बंद कर रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में न तो मेज-कुर्सियां हैं, न पंखे और न ही फर्श की मरम्मत हो रही है। जहां और स्कूल खुलने चाहिए थे, वहां सरकार मौजूदा स्कूलों को मर्ज कर रही है। यह गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। उन्होंने वादा किया कि अगर सपा की सरकार बनी तो मर्ज किए गए 5000 स्कूलों का नवीनीकरण कर उन्हें कॉन्वेंट स्कूलों की तरह विकसित किया जाएगा।
बीजेपी पर गोडसे को महिमामंडित करने का आरोप-
मेहरोत्रा ने बीजेपी पर नाथूराम गोडसे को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, हम महात्मा गांधी के विचारों में विश्वास रखने वाले लोग हैं। बीजेपी शिक्षा के जरिए दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को कमजोर करना चाहती है, लेकिन हम उनके दमन से डरने वाले नहीं हैं।
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