"क्या बूस्टर डोज़ से मिलेगा नए वेरिएंट्स से बचाव?" जानें

कोविड-19 के नए वेरिएंट्स पर मौजूदा वैक्सीन की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करती है कि नए वेरिएंट में कितना म्यूटेशन हुआ है, विशेष रूप से स्पाइक प्रोटीन में, जिस पर अधिकांश वैक्सीन आधारित हैं।

सामान्य स्थिति:

मौजूदा वैक्सीन पूरी तरह बेअसर नहीं होतीं – अधिकांश मामलों में वैक्सीन अब भी गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से अच्छी सुरक्षा देती हैं।

बूस्टर डोज़ से मदद मिलती है – अपडेटेड बूस्टर डोज़ (जैसे कि Omicron-विशिष्ट बूस्टर) से नए वेरिएंट्स के खिलाफ इम्यून रेस्पॉन्स बेहतर होता है।

वेरिएंट्स और प्रभाव:

Omicron और उसके सब-वेरिएंट्स (जैसे XBB, BA.2.86, आदि) में काफी म्यूटेशन हैं, जिससे संक्रमण फैलने की दर बढ़ी है और एंटीबॉडी से बचने की क्षमता भी।

फिर भी, मौजूदा mRNA वैक्सीन (जैसे Pfizer, Moderna) को समय-समय पर अपडेट किया गया है ताकि वे प्रमुख वेरिएंट्स के खिलाफ बेहतर काम करें।

वैक्सीन की सीमाएँ:

संक्रमण को पूरी तरह रोकना मुश्किल हो सकता है, लेकिन गंभीर बीमारी से सुरक्षा अच्छी बनी रहती है।

इम्यूनिटी समय के साथ घटती है, इसलिए बूस्टर डोज़ की सिफारिश की जाती है, खासकर बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए।

नतीजा

मौजूदा वैक्सीन अभी भी उपयोगी हैं, खासकर गंभीर मामलों से बचाव में।
नियमित अपडेट और बूस्टर की ज़रूरत होती है ताकि नई वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा बनी रहे।

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