क्या रोज़ दही खाना ज़हर बन सकता है? जानिए सच्चाई

दही को आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी मानते हैं। यह प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ होने के कारण आंतों की सेहत सुधारता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोज़ाना अधिक मात्रा में दही खाना भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं कि कब और कैसे "अच्छे बैक्टीरिया" का अधिक बढ़ना समस्या का कारण बन सकता है:

दही के फायदे – एक नजर में

पाचन में मदद करता है

शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाता है

इम्युनिटी मजबूत करता है

पेट की जलन और एसिडिटी में राहत देता है

हड्डियों को मजबूत बनाता है (कैल्शियम से भरपूर)

तो फिर नुकसान कैसे?

1. अत्यधिक बैक्टीरिया का असंतुलन

दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस जैसे अच्छे बैक्टीरिया आंतों के लिए लाभकारी होते हैं, लेकिन अगर इनकी मात्रा जरूरत से ज़्यादा बढ़ जाए, तो आंतों में बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) हो सकता है। इससे गैस, सूजन, डायरिया और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

2. दूध से एलर्जी या लैक्टोज इन्टॉलरेंस

कुछ लोगों के शरीर में लैक्टोज को पचाने के लिए जरूरी एंजाइम नहीं बनते। ऐसे में रोज़ाना दही खाना पेट दर्द, गैस, डायरिया जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

3. ठंडक की प्रवृत्ति और बलगम बढ़ाना

आयुर्वेद के अनुसार, दही शरीर में कफ (बलगम) बढ़ाता है, विशेषकर रात में खाने से। इससे सर्दी-खांसी, साइनस और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. वजन बढ़ना

दही में कैलोरी और फैट भी होता है, विशेषकर फुल-फैट दही में। अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, और बिना हिसाब के दही खा रहे हैं, तो यह उल्टा असर कर सकता है।

कब और कैसे खाएं दही?

दिन में खाएं, रात में नहीं (विशेषकर ठंडे मौसम में)
गर्म मसालों के साथ खाएं – जैसे भुना जीरा, काली मिर्च
ठंडे दही से बचें – हल्का गुनगुना या कमरे के तापमान का बेहतर
सीमित मात्रा में खाएं – रोज़ाना 100–150 ग्राम पर्याप्त
दही के बजाय कभी-कभी छाछ या काढ़ा दही भी लें

किसे नहीं खाना चाहिए रोज़ दही?

जिन्हें लैक्टोज इन्टॉलरेंस है

जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर है (जैसे कीमोथैरेपी के मरीज)

सर्दी, खांसी, या साइनस से पीड़ित लोग

पाचन तंत्र में संक्रमण या SIBO वाले मरीज

दही स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है – लेकिन सही मात्रा, सही समय और सही तरीका अपनाना जरूरी है। रोज़ाना अत्यधिक दही खाना अच्छे बैक्टीरिया की अधिकता के कारण शरीर में असंतुलन भी ला सकता है। अगर आप किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं या कोई विशेष लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही दही का सेवन करें।

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