हर शुभ काम से पहले क्यों खिलाया जाता है दही-चीनी? जानिए परंपरा और सेहत से जुड़ा रहस्य

भारतीय परंपरा में शुभ काम की शुरुआत दही-चीनी खाकर करने का रिवाज आज भी हर घर में देखा जाता है। चाहे परीक्षा देने जाना हो, इंटरव्यू के लिए निकलना हो या फिर कोई नया काम शुरू करना हो—बड़े-बुजुर्ग हमेशा बच्चों को दही-चीनी खिलाकर ही बाहर भेजते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक रीति नहीं बल्कि इसके पीछे गहरी सेहत और विज्ञान की वजहें भी छिपी हैं।

तुरंत मिलती है एनर्जी

दही-चीनी शरीर के लिए एनर्जी बूस्टर का काम करता है। दही से प्रोटीन और चीनी से ग्लूकोज मिलकर तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। यही कारण है कि इसे खाने के बाद शरीर पूरे दिन की गतिविधियों के लिए तैयार हो जाता है और थकान महसूस नहीं होती।

डाइजेशन रहता है सही

दही में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। बाहर जाने से पहले दही-चीनी खाने से पेट खराब होने की संभावना कम हो जाती है और डाइजेशन भी ठीक रहता है।

शरीर रहता है हाइड्रेटेड

दही-चीनी का सेवन शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और बाहर निकलते समय तरोताजा महसूस कराता है। यह आपको एक्टिव बनाए रखता है और लंबे समय तक एनर्जी प्रदान करता है।

गर्मी से बचाव

गर्मी के मौसम में दही ठंडक पहुंचाने का सबसे आसान उपाय है। दही-चीनी खाने से लू लगने का खतरा कम हो जाता है और शरीर हीट स्ट्रोक से सुरक्षित रहता है।

तनाव होता है कम

एग्जाम, इंटरव्यू या किसी बड़े काम से पहले अक्सर लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे समय में दही-चीनी का मीठा स्वाद दिमाग को शांति देता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

शुभता का प्रतीक

दही-चीनी न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि इसे शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि कुछ मीठा खाकर घर से निकलने पर कार्य सफल होते हैं और भाग्य साथ देता है।

इस तरह दही-चीनी की परंपरा केवल धार्मिक मान्यता नहीं बल्कि स्वास्थ्य और सकारात्मकता से जुड़ी गहरी सोच है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे जीवन का हिस्सा बनी हुई है।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.