स्वच्छता की दौड़ में दंतेवाड़ा ने मारी लंबी छलांग

दंतेवाड़ा : जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा अब स्वच्छता की दृष्टि से भी देश के अग्रणी नगरों में शामिल हो गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के परिणामों में दंतेवाड़ा नगर पालिका परिषद ने 20 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में देश भर में सातवां स्थान हासिल कर लिया है। यह न केवल जिले के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। वर्ष 2023 में 427 वें स्थान पर रहने वाला दंतेवाड़ा इस वर्ष 420 से अधिक स्थानों की लंबी छलांग लगाकर शीर्ष 10 में शामिल हो गया है। इस राष्ट्रीय सफलता के साथ दंतेवाड़ा नगर पालिका को गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) के अंतर्गत 1-स्टार रेटिंग और ओडीएफ प्लस (खुले में शौच से मुक्त प्लस) श्रेणी में भी मान्यता प्राप्त हुई है। इन उपलब्धियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब दंतेवाड़ा केवल सुरक्षा और विकास की नहीं, बल्कि स्वच्छता की भी एक प्रेरणादायक पहचान बन चुका है। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता ने कहा कि दंतेवाड़ा की माटी की महक और माँ दंतेश्वरी की कृपा से हो रहा है और उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता सिर्फ एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि हर नागरिक की आदत और जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने नगर के सभी वर्गों बच्चों, महिलाओं, युवाओं, व्यापारियों और आम नागरिकों से अपील की कि वे इस स्वच्छता संस्कृति को अपने रोजमर्रा के जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि गीला और सूखा कचरा अलग करना, प्लास्टिक का सीमित प्रयोग और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता बनाए रखना अब हर दंतेवाड़ावासी की नैतिक जिम्मेदारी है। इसी क्रम में नगर पालिका उपाध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने भी नगरवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता कोई एक दिन का परिणाम नहीं, बल्कि सतत जनसहयोग और सामूहिक प्रयासों की मिसाल है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हम स्वच्छता से आगे बढ़कर पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में भी नए प्रतिमान स्थापित करें। इस अवसर पर कलेक्टर कुणाल दुदावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले को मिली उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि प्रशासन और जनभागीदारी के बीच बने मजबूत तालमेल का परिणाम है। उन्होंने कहा, “स्वच्छता जैसे विषय पर जब जनसामान्य जागरूक होता है और स्वयं को सहभागी मानता है, तब प्रशासन के प्रयासों को असली दिशा मिलती है। दंतेवाड़ा की यह सफलता संकल्प, समर्पण और सतत प्रयासों का प्रतीक है। अब हमें इस रैंकिंग को बनाए रखने के साथ और बेहतर करने की दिशा में निरंतर काम करते रहना है।” मुख्य नगरपालिका अधिकारी वी.के.एस. पालदास ने भी इस गौरवपूर्ण क्षण पर नगर वासियों को बधाई दी और कहा कि नगर पालिका की टीम, स्वच्छता दीदियों की मेहनत, कर्मचारियों की निष्ठा और कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार एवं मार्गदर्शन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक रैंक नहीं, बल्कि लोगों की सोच और जीवनशैली में आया एक सकारात्मक बदलाव है।” यह उपलब्धि उन जिलों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आई है, जो छोटे संसाधनों और सीमित जनसंख्या के बावजूद बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। यह सफलता बताती है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनसहभागिता एक साथ चलें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
रिपोर्टर : ए आर कर्मा
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