उभरते भारत की सुरक्षाः CISF की संख्या 2.2 लाख हुई, अगले पाच वर्षों तक हर साल 14,000 की होगी भर्ती।

दंतेवाड़ा :औद्योगिक सुरक्षा को और मजबूती देने तथा देश के आर्थिक विकास को सुरक्षित आधार देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए गृह मंत्रालय (MHA)ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की अधिकृत संख्या को मौजूदा 1,62,000 से बढाकर 2,20,000 करने की मंजूरी दे दी है
जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था नई उंचाईयों को छू रही है, यह वृद्वि तेजी से बढ़ते विमाान क्षेत्र, बंदरगाह क्षेत्र, थर्मल पावर प्लांट, परमाणु प्रतिष्ठाान, जल विद्युत संयंत्र और जम्मू-कश्मीर में जेल जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सीआईएसएफ की तैनाती को मजबूत करेगी । छत्तीसगढ जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद मे कमी के साथ, नए औद्योगिक केंद्र उभरने की उम्मीद है, जिससे इन इकाईयों को व्यापक और प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीआईएसएफ की मजबूत उपस्थिति आवश्यक हो जाएगी ।
बल की संख्या में यह वृद्वि रोजगार के नए अवसर भी लेकर आ रही है । वर्ष 2024 में 13,230 नए कर्मियों की भर्ती की गई है और 2025 में 24,098 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है । अनुमान है कि अगले पाच वर्षों तक हर साल लगभग 14,000 नए जवान CISF में शामिल किए जाएगें । इससे बल का युवा उर्जा मिलेगी और यह चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए और अधिक तैयार होगा । इन भर्तियों में महिलाओं की भागीदारी भी बढनें की उम्मीद है, जिसे CISF की उन नीतियों का समर्थन प्राप्त है जो महिलाओं को हर स्तर पर प्रतिनिधित्व देने की दिशा में कार्य कर रही है ।
बल की ताकत में यह इजाफा एक नई बटालियन के गठन का मार्ग भी प्रशस्त करेगा, जो आंतरिक सुरक्षा, आपात तैनाती जैसी जरूरतों में अह्म भूमिका निभएगी ।
पिछले साल CISF ने अपने सुरक्षा विंग के तहत सात नई इकाईया शुरू की ह - जिनमें संसद भवन परिसर,आयोघ्या एयरपोर्ट, हजारीबाग स्थित NTPC की कोयला खदान परियोजना, पुणे का ICMR राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान,बक्सर और एटा के ताप विद्युत संयत्र और मंडी की ब्यास सतलुज लिंक परियोजना शामिल की गई है
यह विस्तार भारत के बढ़ते आर्थिक विकास और बुनियादी ढाचे के विकास के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा में CISF की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है । यह विस्तार बदलते सुरक्षा परिदृश्य के अनुरूप CISF की क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबध्ता को दर्शाता है, ताकि यह बल भारत के तेजी से हो रहे विकास की गति के अनुरूप एक मजबूत और सतर्क सुरक्षा इकाई बना रहे।
रिपोर्टर : आशाराम
No Previous Comments found.