‘‘डायबिटीज रोकथाम के लिए ग्लोबल हेल्थ सशक्तिकरण’’ से सम्बंधित कार्यशाला को सम्पन्न की गई।

दतिया : जिसमें डॉ. प्रदीप शुक्ला जी ने समुदाय चिकित्सा के दृष्टिकोण से डायबिटीज के बारे में अपने विचार साझा किए। डॉ. सुरेंद्र कुमार बौद्ध जी के द्वारा मधुमेह के प्रकारों एवं उसके लिये उपयोग किये जाने वाली औषधियों पर प्रकाष डाला। डॉ. हेमंत जैन जी ने मधुमेह के इलाज और दुष्प्रभावों पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. प्रशांत हरित जी ने मधुमेह के कारण होने वाले त्वचा रोग के दुष्प्रभाव के बारे में अपनी विशेषज्ञता साझा की। इसके अलावा, विभिन्न विभागों के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्षों के निर्देशन में, जैसे कि- नेत्ररोग विभाग से डाॅ. हर्षिता ढ़ेकला ने डायविटिक रेटिनोपैथी, शल्य चिकित्सा विभाग से डाॅ. योगीराज जोशी ने डायबिटिक फूट, शिशुरोग विभाग से डाॅ. शुभि गुप्ता ने डायबिटिक कीटोएसिडोसिस और प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग से डाॅ. अंजु दंगोलिया ने प्रसूति-मधुमेह पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आदित्य कुलथे जी के द्वारा किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फार्मेकोलाजी विभाग, जनरल मेडिसिन विभाग एवं स्त्रीरोग विभाग ने संयुक्त रुप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उक्त समस्त विभागों के सभी पीजी रेजिडेंट्स भी शामिल रहे। उपरोक्त अकादमिक कार्य की सूचना डाक्टर मुकेश शर्मा, मिडिया प्रभारी, सहायक प्राध्यापक, अस्थि रोग विभाग ने दी।
रिपोर्टर : नितिन दांतरे
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