बाल विवाह रोकथाम एवं जागरूकता हेतु दतिया जिले में हुआ विशेष अभियान

दतिया :  कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में बाल विवाह रोकथाम एवं जन-जागरूकता अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद उपाध्याय के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम शहर के विभिन्न क्षेत्रों — भदौरिया की खिड़की वार्ड क्रमांक 32, लाला के ताल वार्ड क्रमांक 4 सहित कई आंगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित हुआ, कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग से आकाश श्रीवास्तव, विशेष पुलिस इकाई से भगवत शर्मा एवं अनीता शर्मा, और एनजीओ धरती संस्था से जिला समन्वयक राम चतुर्वेदी, अंशुराज दीक्षित सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति अहिरवार एवं  विमला योगी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।बाल विवाह के दुष्परिणामों पर विस्तृत चर्चा,कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने बाल विवाह के गंभीर सामाजिक, शारीरिक और मानसिक परिणामों पर विस्तार से जानकारी दी।धरती संस्था के जिला समन्वयक श्रीराम चतुर्वेदी ने कहा कि बाल विवाह बच्चों के भविष्य के साथ एक गहरी अन्यायपूर्ण सामाजिक त्रासदी है। इससे न केवल बालक-बालिका की शिक्षा बाधित होती है, बल्कि उनका व्यक्तिगत और सामाजिक विकास भी ठहर जाता है। विशेष रूप से बालिकाओं में कम उम्र में विवाह और गर्भधारण से स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है।उन्होंने यह भी कहा कि यह कुप्रथा समाज में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे अपने आसपास होने वाले संभावित बाल विवाह की सूचना तत्काल प्रशासन को दें ताकि समय रहते उसे रोका जा सके,कानूनी प्रावधानों पर दी गई जानकारी, कार्यक्रम में आकाश श्रीवास्तव ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करवाने वाले, सहमति देने वाले अथवा इसमें सहभागी सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को रोकना केवल शासन या कानून की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है।उन्होंने उपस्थित नागरिकों से आग्रह किया कि यदि उन्हें कहीं बाल विवाह की जानकारी मिले तो तुरंत महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस या कंट्रोल रूम को सूचना दें।विशेष पुलिस इकाई का सक्रिय अभियान,विशेष पुलिस इकाई से उपस्थित भगवत शर्मा ने कहा कि पुलिस विभाग बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सतत कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए सामुदायिक भागीदारी सबसे आवश्यक है, क्योंकि स्थायी परिवर्तन समाज की जागरूकता से ही संभव है,उन्होंने जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर — 07522-299213, 1098, 112 — साझा किए और नागरिकों से अपील की कि वे इन नंबरो पर तत्काल सूचना देकर समाज को इस बुराई से मुक्त करने में सहयोग करें।प्रशासन की पहल, जिला कार्यक्रम अधिकारी  अरविंद उपाध्याय ने जानकारी दी कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहते हैं, जहाँ किसी भी नागरिक द्वारा दी गई सूचना पर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा कि जिले में देवउठनी ग्यारस और विवाह सीजन को देखते हुए निगरानी और अधिक बढ़ाई गई है। समाज से अपील,अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बाल विवाह रोकना केवल कानूनी दायित्व नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता का विषय है। यदि हर नागरिक अपने आस-पास होने वाले बाल विवाह के प्रति संवेदनशील होकर सूचना देगा, तो समाज से यह कुप्रथा जड़ से समाप्त की जा सकती है।निष्कर्षत दतिया जिले में यह अभियान न केवल बाल विवाह रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज को जागरूक, जिम्मेदार और सशक्त बनाने का भी संदेश देता है। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की संयुक्त पहल से दतिया एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है कि संवेदनशील समाज ही प्रगतिशील राष्ट्र की नींव होता है। 

रिपोर्टर : नितिन कुमार दांतरे

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