मौसम विभाग ने जारी की विस्तृत वर्षा रिपोर्ट, किसानों को सतर्क रहने की सलाह

दतिया - कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े के निर्देशन में एवं अधीक्षक भू-अभिलेख प्रभारी जगदीश घनघोरिया के मार्गदर्शन मे के मार्गदर्शन में आज जारी हुई दैनिक वर्षा रिपोर्ट के अनुसार दतिया जिले की चारों तहसीलों — दतिया, सेवढ़ा, भाण्डेर एवं इन्दरगढ़ — में इस वर्ष अब तक सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है,मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2025 में जिले की कुल औसत वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में घटकर रह गई है, जिससे कृषि कार्यों और रबी फसलों की तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है,तहसीलवार वर्षा स्थिति का विवरण,वर्षा पत्रक में 01 जून 2025 से 02 नवम्बर 2025 तक की वर्षा का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है, जिसमें प्रत्येक तहसील में हुई वर्षा के आंकड़े सामान्य औसत वर्षा से कम पाए गए हैं, 1. तहसील दतिया —यहां इस वर्ष मानसून सीजन में अब तक सामान्य औसत वर्षा की तुलना में कम वर्षा दर्ज हुई है। खेतों में नमी की कमी महसूस की जा रही है, जिससे रबी फसलों की बुवाई में देरी की संभावना बढ़ी है।2. तहसील सेवढ़ा —सेवढ़ा क्षेत्र में भी वर्षा का स्तर औसत से नीचे है। सिंचाई के लिए जल स्रोतों में जलस्तर घटा है, जिससे किसानों को सिंचाई प्रबंधन में कठिनाई का _सामना करना पड़ सकता है।3. तहसील भाण्डेर — भाण्डेर में वर्षा सामान्य से थोड़ी कम रही। हालांकि, कुछ ग्रामों में बिछड़े बादल के कारण अपेक्षाकृत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे वहां की फसलों को फिलहाल राहत मिली है।4. तहसील इन्दरगढ़ —जिले में सबसे कम वर्षा इन्दरगढ़ क्षेत्र में दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई पर सीधा असर पड़ सकता है यदि आगामी दिनों में पर्याप्त वर्षा नहीं होती है।पिछले वर्ष की तुलना में वर्षा में कमी,वर्ष 2024 में इसी अवधि (02 नवम्बर तक) के दौरान हुई वर्षा की तुलना में वर्ष 2025 में वर्षा की मात्रा उल्लेखनीय रूप से कम रही है। जिला स्तर पर तैयार किए गए औसत वर्षा आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष कुल औसत वर्षा सामान्य वर्षा से नीचे है, जिससे मौसम की अनिश्चितता और असामान्य रुझान का संकेत मिलता है।कृषि विशेषज्ञों की चेतावनी और सुझाव,कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यदि अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं होती है, तो खेतों में मृदा नमी की कमी हो सकती है, जिसका प्रतिकूल असर गेहूं और चने जैसी प्रमुख रबी फसलों पर पड़ सकता है।कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे –मृदा नमी संरक्षण तकनीकों का उपयोग करें,फसलों की सिंचाई योजनाएं समुचित रूप से तैयार करें,तथा स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार फसल चयन में सावधानी बरतें।मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में जिले में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, लेकिन किसी बड़े वर्षा तंत्र के सक्रिय होने के संकेत फिलहाल नहीं मिले हैं।इसलिए आगामी सप्ताहों में किसानों को मौसम विभाग की दैनिक रिपोर्टों पर ध्यान देने और कृषि विभाग से संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है।जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग की टीमें लगातार वर्षा की स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं, ताकि किसानों को समय पर आवश्यक सलाह एवं सहायता उपलब्ध कराई जा सके।कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक तहसील से प्राप्त वर्षा आंकड़ों का दैनिक विश्लेषण करें और किसानों को आवश्यक जानकारी व तकनीकी सहायता शीघ्रता से प्रदान करें वर्ष 2025 के मानसून सत्र में दतिया जिले में अब तक औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है।मौसम विभाग की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि यदि आगामी दिनों में पर्याप्त वर्षा नहीं होती, तो रबी सीजन की फसलों पर असर पड़ सकता है।कृषि विभाग ने किसानों से संयम, सतर्कता और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाने की अपील की है।

 रिपोर्टर - नितिन कुमार दांतरे

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