संविधान हत्या दिवस पर आपातकाल को बताया लोकतंत्र पर गहरी चोट

संविधान हत्या दिवस पर आपातकाल को बताया लोकतंत्र पर गहरी चोट: भूपेन्द्र यादव और मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस पर बोला हमला

देहरादून, उत्तराखंड - आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर गढ़ी कैंट स्थित म्यूजियम में आयोजित 'संविधान हत्या दिवस' कार्यक्रम में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि "आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर गहरी चोट थी और यह आज भी लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय है।"

कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी सरकार ने न केवल प्रेस की आज़ादी को दबाया, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी छीन लिया था।

‘रातों-रात दबाया गया लोकतंत्र’

श्री भूपेन्द्र यादव ने कहा, “25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर आपातकाल थोपा। हाईकोर्ट द्वारा उनके चुनाव को रद्द किए जाने के बाद जब सत्ता खतरे में दिखी, तो उन्होंने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से रातों-रात आपातकाल के कागज़ों पर हस्ताक्षर करवा दिए और मीडिया पर सेंसरशिप लागू कर दी।”

‘कांग्रेस ने लोकतंत्र को कुचला’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने:

नागरिक स्वतंत्रता को रौंदा,

विपक्षी नेताओं को जेल में डाला,

मीडिया की आज़ादी पर अंकुश लगाया,

और आम जनता पर अत्याचार किए।


उन्होंने कहा कि "जनता सब जानती है, और कांग्रेस के अत्याचारों को भुलाया नहीं जा सकता।"

लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर आपातकाल में जेल गए लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि “उनका बलिदान हमारी लोकतांत्रिक चेतना का आधार है। राज्य सरकार लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।”

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश भर में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य युवाओं और आम नागरिकों को यह बताना है कि कैसे पूर्ववर्ती सरकारों ने संविधान का गला घोंटने का कार्य किया।

संवाददाता- प्रवचन सिंह

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