जाने अयोध्या में देवउठनी एकादशी पर 5 कोसी परिक्रमा का महत्व!

देवउठनी एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार हैं, जो भगवान विष्णु के शयन के बाद जागृत होने के अवसर पर मनाया जाता हैं. यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता हैं, जो भगवान विष्णु के जागृत होने का प्रतीक हैं. इस दिन भगवान विष्‍णु की विधि-विधान से पूजा की जाती हैं और उनकी प्रिय वस्‍तुओं का भोग लगाया जाता हैं. इसके साथ ही पूजा में देवउठनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ किया जाता हैं. 

देवउठनी एकादशी महत्व
हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व हैं, क्योंकि यह त्योहार सुख-समृद्धि, विवाह और संतान, पापों की क्षमा, और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए मनाया जाता हैं. इस दिन, लोग व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं, दान और पुण्य कार्य करते हैं, और स्वाध्याय और आत्मचिंतन करते हैं. यह त्योहार भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक हैं, और इसे मनाने से व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्राप्त होती हैं.

देवउठनी एकादशी व्रत कथा
एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे. वहां की प्रजा नौकर-चाकरों से लेकर पशुओं तक को एकादशी के दिन अन्न नहीं दिया जाता था. एक दिन किसी दूसरे राज्य का एक व्यक्ति राजा के पास आकर बोला- महाराज! कृपा करके मुझे नौकरी पर रख लें. तब राजा ने उसके सामने एक शर्त रखी कि ठीक है, रख लेते हैं.लेकिन रोज तो तुम्हें खाने को सब कुछ मिलेगा, पर एकादशी को अन्न नहीं मिलेगा.उस व्यक्ति ने उस समय 'हां' कर ली, पर एकादशी के दिन जब उसे फलाहार का सामान दिया गया तो वह राजा के सामने जाकर गिड़गिड़ाने लगा- महाराज! इससे मेरा पेट नहीं भरेगा. मैं भूखा ही मर जाऊंगा. मुझे खाने के लिए अन्न दे दो.

अयोध्या में 5 कोसी परिक्रमा का महत्व
अयोध्या में देवउठनी एकादशी के अवसर पर 5 कोसी परिक्रमा का विशेष महत्व हैं. यह परिक्रमा भगवान राम की जन्मभूमि की पवित्रता और महत्ता को बढ़ाने के लिए की जाती हैं, जो आत्मशुद्धि और पापों की क्षमा के लिए भी की जाती हैं. इस परिक्रमा के दौरान, लोग पूजा-अर्चना, मंत्रों का जाप, भजन और कीर्तन, दान और पुण्य कार्य, और स्वाध्याय और आत्मचिंतन करते हैं.वही इस परिक्रमा का महत्व हिंदू धर्म में विशेष हैं, जो भगवान राम की जन्मभूमि की पवित्रता और महत्ता को बढ़ाने के लिए की जाती हैं.यह परिक्रमा व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती हैं, और उनके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती है.इस परिक्रमा का महत्व हिंदू धर्म में विशेष हैं, जो भगवान राम की जन्मभूमि की पवित्रता और महत्ता को बढ़ाने के लिए की जाती हैं.यह परिक्रमा व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती हैं, और उनके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती हैं.

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.