नेशनल लोक अदालत में 1010 लंबित प्रकरणों एवं 3611 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया हुआ
देवास : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास अजय प्रकाश मिश्र के मार्गदर्शन में जिले के समस्त न्यायालयों में वृहद स्तर पर इस वर्ष की चतुर्थ ’नेशनल लोक अदालत’ का आयोजन किया गया।
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास अजय प्रकाश मिश्र द्वारा दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण कराने पर पक्षकारों को समय एवं धन की बचत होती है। साथ ही उन्होंने न्यायिक अधिकारीगण और अधिवक्तागण को अधिक से अधिक प्रकरणों में राजीनामा कराने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर लोक अदालत प्रभारी विकास शर्मा, विशेष न्यायाधीश, ने संबोधित करते हुए व्यक्त किया कि- लोक अदालत न्याय पाने का सबसे आसान एवं उत्तम माध्यम है। इसका लाभ उठाएं। उन्होंने अधिवक्तागण से कहा कि वे दुगने उत्साह से लोक अदालत में भाग लें।
नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक, विद्युत अधिनियम, एनआईएक्ट, चैक बाउन्स, श्रम मामले, मोटर दुर्घटना दावा, बीएसएनएल आदि विषयक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय देवास एवं तहसील स्तर पर सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, टोंकखुर्द एवं बागली में 36 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया।
अजय प्रकाश मिश्र प्रधान जिला न्यायाधीश, विकास शर्मा, विशेष न्यायाधीश एवं रोहित श्रीवास्तव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विद्युत कंपनी, नगर निगम, बैंक, बीएसएनएल, बीमा कंपनी के स्टाॅल पर जाकर तथा खंडपीठों का भ्रमण कर समस्त संबंधित अधिकारीगण को लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरण के निराकरण हेतु प्रेरित किया गया। राजीनामा करने वाले पक्षकारगण को स्मृति स्वरूप फलदार और फूलों के पौधे भेंट किये गये एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरित किया गया।
शुभारंभ कार्यक्रम में विकास शर्मा विशेष न्यायाधीश, उमाशंकर अग्रवाल प्रथम जिला न्यायाधीश, अभिषेक गौड़ पंचम जिला न्यायाधीश, उत्तम कुमार डारवी द्वितीय जिला न्यायाधीश, राजेन्द्र कुमार पाटीदार तृतीय जिला न्यायाधीश, प्रसन्न सिंह बहरावत चतुर्थ जिला न्यायाधीश, डाॅ. रविकांत सोलंकी अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, भारत सिंह कनेल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रोहित श्रीवास्तव सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अन्य न्यायाधीशगण नीलेन्द्र कुमार तिवारी, श्रीमती अंजना यादव, श्रीमती दीक्षा मौर्य, कुंवर युवराज सिंह, श्रीमती निकिता वाष्र्णेय पांडे, श्री प्रियांशु पांडे, श्रीमती रश्मि अभिजीत मरावी, श्रीमती किरण सिंह, सौरभ जैन, सुश्री चंद्रा पवार, श्री सुभाष चैधरी जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री पंकज पंड्या उपाध्यक्ष अधिवक्ता संघ, अतुल पंड्या सचिव अधिवक्ता संघ, श्रीमती देवबाला पिपलोनिया उपायुक्त नगर निगम, विद्युत कंपनी एवं बैंक के अधिकारीगण, लीगल एड डिफेंस काउंसेल स्टाॅफ, लोक अभियोजन अधिकारीगण, अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेंटियर्स एवं पक्षकारगण उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों की जानकारी
रोहित श्रीवास्तव सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास ने बताया कि इतिहास रचते हुए देवास जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 1010 लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ है। संपूर्ण जिले में गठित 36 न्यायिक खंडपीठों में न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में आपराधिक प्रकरण 398, मोटर दुुर्घटना के 30, चैक बाउन्स 250, फैमेली मेटर्स 7, विद्युत के 195, श्रम के 10, विविध के 105, सिविल के 15, कुल 1010 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें राशि 09 करोड़ 20 लाख 45 हजार 805 रूपये के अवार्ड की गई एवं 2317 लोग लाभांवित हुए।
निराकृत 30 क्लेम प्रकरणों में राशि 01 करोड़ 22 लाख 47 हजार के अवार्ड आपसी समझौते के आधार पर पारित किए गए। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के 250 प्रकरण निराकृत हुए जिनमें 05 करोड़ 21 हजार 622 रूपये के चैकों की राशि में सेटलमेंट किया गया। 50 लाख 10 हजार 813 रूपये की राशि के 15 सिविल प्रकरणों का निराकरण हुआ।
3611 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया है। जिसमें रूपये 02 करोड़ 72 लाख 97 हजार 386 रुपए के अवार्ड पारित किए गए है एवं 3872 व्यक्ति लाभांवित हुए हैं।
(सफलता की कहानी )
कुटुम्ब न्यायालय के एक प्रकरण में पूजा (परिवर्तित नाम ) एवं राजेश (परिवर्तित नाम) का विवाह लगभग 13 वर्ष पूर्व हिन्दू रीति रिवाजानुसार संपन्न हुआ था। विवाह के पश्चात पूजा ने ससुराल में सास-ससुर की सेवा-सुश्रुवा अच्छे से करते हुए अपने दाम्पत्य संबंधों का निर्वहन किया। पूजा को अनावेदक राजेश से दो संतान पैदा हुई। पूजा के माता पिता ने गृहस्थी का संपूर्ण सामान सोने-चांदी की रकमें आदि दी थी। राजेश के परिजन पूजा को दहेज कम लाने के ताने देकर उसे गाली गलोच व मारपीट करते, अभद्र व्यवहार एवं शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करते थे। राजेश चाहे जब पूजा को घर से बाहर निकाल देता था, उसके मायके वाले से मिलने व बात करने पर भी प्रतिबंध लगाता था। राजेश द्वारा न तो पूजा और न ही उसके बच्चे की खैर-खबर ली है और न्यायालय द्वारा आदेशित किये जाने के बावजूद भी पूजा को भरण पोषण नहीं दिया। इन्हीं सब परिस्थितियों के कारण पूजा ने राजेश के विरूद्ध यह प्रकरण पंजीबद्ध किया था।
प्रकरण पंजीबद्ध करने के उपरांत न्यायालय द्वारा आज लोक अदालत में उभयपक्षों को उपस्थित होने को निर्देशित किया गया था। माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश महोदय श्री अजय प्रकाश मिश्र द्वारा दोनो पति पत्नि को समझाया गया कि वे साथ-साथ रहकर अच्छे से जीवन व्यतीत करें। प्रकरण में दांपत्य संबंधों की पुर्नस्थापना हो सकती है। उनको समझाईश दी गयी कि प्रेमपूर्वक रहकर अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन तरीके से प्रारंभ करे और आपस में कोई विवाद ना करे।
प्रकरण में उभयपक्षों के मध्य करीब 30 मिनिट की समझाईश के उपरांत उभयपक्ष एक साथ दांपत्य जीवन निर्वहन करने को तत्पर हो गये तथा आवेदिका ने अपना प्रकरण हंसी खुशी वापिस ले लिया।
उभयपक्ष को न्यायालय से ही पुष्पहार पहनाकर, दोनों को अलग-अलग पौधे दिये गये एवं उनका छायाचित्र लेकर उन्हें अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन प्रकार से प्रारंभ करने हेतु शुभकामनाएं देकर विदा किया गया।
(सफलता की कहानी)
कुटुम्ब न्यायालय के एक मामले में रमेश (परिवर्तित नाम ) एवं कोमल (परिवर्तित नाम ) का विवाह हिन्दू धर्म के रीति रिवाज के अनुसार 12 वर्ष पूर्व हिन्दु धर्म रीति रिवाजानुसार संपन्न हुआ था। प्रकरण में रमेश (परिवर्तित नाम ) के अनुसार विवाद यह था कि कोमल (परिवर्तित नाम ) कामकाज करने में टालमटोल करने लगी और कहने लगी कि तुम्हारे यहाॅ तो मेहमान बहुत ज्यादा आते है मुझसे इतने लोगों का चाय-नाश्ता एवं खाना नहीं बनता, मुझे आपके माता-पिता के साथ नहीं रहना, आप आपके माता पिता से अलग होकर दूसरी जगह किराये के मकान में रहो तो मैं आपके साथ रहूंगी। इसके बाद रमेश कोमल को लेकर देवास आ गया। इसके बाद भी दोनों में विवाद होने लगा तथा इस कारण पति ने पत्नी के विरूद्ध धारा 13(1) हिन्दु विवाह अधिनियम का विवाह विच्छेद प्रकरण प्रस्तुत किया था।
प्रकरण पंजीबद्ध करने के उपरांत न्यायालय द्वारा सुलह समझाईश के लिए नेशनल लोक अदालत में नियत किया गया था जिस पर उभयपक्ष आज न्यायालय में उपस्थित हुए। उन्हंे आज लोक अदालत में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश महोदय श्री अजय प्रकाश मिश्र द्वारा समझाया गया कि वे साथ-साथ रहकर अच्छे से जीवन व्यतीत करें तो प्रकरण में दांपत्य संबंधों की पुर्नस्थापना हो सकती है।
प्रकरण में उभयपक्ष के मध्य करीब 40 मिनिट की अथक प्रयास की समझाईश के उपरांत प्रार्थी विवाह विच्छेद का प्रकरण वापस लेकर प्रतिप्रार्थी के साथ अच्छे से जीवन व्यतित करने को तैयार हो गया। उभयपक्ष एक साथ दांपत्य जीवन निर्वहन करने को तत्पर हो गये हैं। उनको समझाईश दी गयी कि प्रेमपूर्वक रहकर अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन तरीके से प्रारंभ करे और आपस में कोई विवाद ना करे,
उभयपक्ष को न्यायालय से ही पुष्पहार पहनाकर, दोनों को अलग-अलग पौधे दिये गये एवं उनका छायाचित्र लेकर उन्हें अपना दांपत्य जीवन पुनः नवीन प्रकार से प्रारंभ करने हेतु शुभकामनाएं देकर विदा किया गया।
रिपोर्टर : साजिद पठान

No Previous Comments found.