अखिलेश के ठाकुरवाद वाले बयान पर DGP प्रशांत कुमार ने दिया जवाब...

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से उत्तर प्रदेश पुलिस में जाति आधारित तैनाती का आरोप लगाने के एक दिन बाद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री के दावों को खारिज किया। उन्होंने अखिलेश यादव के बयान को पूरी तरह से झूठा और भ्रामक करार दिया। लखनऊ से जारी बयान में डीजीपी कुमार ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को ऐसी भ्रामक टिप्पणियों से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही ऐसी सूचनाएं निराधार हैं और इनका खंडन करने के लिए संबंधित जिलों की पुलिस पहले ही आंकड़े जारी कर चुकी है। डीजीपी कुमार ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में ऐसी कोई गलत सूचना फैलाई जाती है, तो हम उसकी सच्चाई सामने लाएंगे। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को ऐसी टिप्पणियां करने से बचना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिसकर्मियों की तैनाती प्रदेश के सभी जिलों में निर्धारित मानकों के अनुरूप की गई है।

अखिलेश यादव के दावों के जवाब में आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने आंकड़े जारी कर बताया कि उनके यहां 39 प्रतिशत ओबीसी और 18 फीसदी एससी वर्ग के पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि ओबीसी के लिए मानक केवल 27 प्रतिशत है। इसी तरह मैनपुरी पुलिस ने भी बताया है कि उनके जिले में 31 फीसदी ओबीसी और 19 प्रतिशत एससी वर्ग के पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।

वहीं, चित्रकूट पुलिस ने बताया कि उनके 12 थानों में से तीन में ओबीसी, दो में एससी/एसटी और सात में अन्य वर्ग के थानाध्यक्ष तैनात हैं। ऐसे ही प्रयागराज पुलिस ने भी अखिलेश यादव के पोस्ट पर जवाब देते हुए उसे असत्य बताया है। प्रयागराज पुलिस की ओर से बताया गया कि थाना प्रभारी की नियुक्ति के लिए कर्तव्यनिष्ठा, सत्यनिष्ठा, सामाजिक सद्भाव और जन शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर योग्य कर्मचारियों का चयन किया जाता है।

सपा प्रमुख ने सरकार पर उठाऐ थे सवाल-

सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर अधिकारियों की तैनाती में जातिगत पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि यूपी में थानेदारों की पोस्टिंग जाति देखकर की जा रही है और पुलिस थानों पर ठाकुर समुदाय के लोगों का दबदबा है।

बीजेपी कर रही जातीय, धार्मिक ध्रुवीकरण: अखिलेश

उन्होंने कहा, "मैनपुरी में कुल 15 SHO में सिर्फ 3 PDA समुदाय से हैं, जबकि 10 ठाकुर समुदाय से हैं. चित्रकूट में 10 में से 2 PDA और 5 ठाकुर समुदाय से, जबकि महोबा में 11 थानों में 3 PDA और 6 ठाकुर समुदाय से हैं. क्या यही है सबका साथ, सबका विकास?"

बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगाया दंगे भड़काने का आरोप-

पूर्व मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की हिंसा का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ऐसे दंगों को भड़काते हैं। उन्होंने कन्नौज की एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, भाजपाइयों ने एक गरीब व्यक्ति को 10-20 हजार रुपये देने का लालच देकर मंदिर में जानवर का मांस फेंकने को कहा। जब वह घबरा गया और इनकार किया तो भाजपा के नेता खुद उसके साथ गए और उससे मांस फिंकवाया, जिसके बाद बड़ा दंगा भड़क गया।

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