हिंदू धर्म में धनतेरस कब और क्यों मनाया जाता हैं, जाने महत्त्व

हिंदू धर्म में धनतेरस भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं, जो आयुर्वेद के प्रवर्तक और स्वास्थ्य के देवता हैं. यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता हैं, जो दिवाली से दो दिन पहले होता हैं.इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती हैं, जो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे.उनकी पूजा से स्वास्थ्य, आयुर्वेद ज्ञान और समृद्धि की कामना की जाती हैं.धनतेरस का त्योहार प्रकाश, ज्ञान और स्वास्थ्य का प्रतीक हैं.इस दिन लोग अपने कर्मों और भक्ति के माध्यम से भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करते हैं और परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं.इस प्रकार, धनतेरस हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जो स्वास्थ्य, समृद्धि और आयुर्वेद के महत्व को दर्शाता हैं.साथ ही  धनतेरस के दिन गणेश लक्ष्मी जी मूर्ति भी घर लाते हैं जिसकी पूजा दिवाली के दिन की जाती हैं.

धनतेरस का महत्व 
धनतेरस भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं, जो आयुर्वेद के प्रवर्तक हैं.भगवान धन्वंतरि की पूजा से स्वास्थ्य और दीर्घ आयु की कामना की जाती हैं.धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, आभूषण और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, जिससे घर में समृद्धि और धन की वृद्धि होती हैं.धनतेरस दिवाली के त्योहार की शुरुआत का प्रतीक हैं, जो पांच दिनों तक चलता हैं.धनतेरस पर दीये जलाने से घर में प्रकाश और ज्ञान का प्रसार होता हैं. धनतेरस पर लोग अपने कर्मों और भक्ति के माध्यम से भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करते हैं. धनतेरस पर परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्योहार मनाया जाता हैं, जिससे सामाजिक एकता और सौहार्द बढ़ता हैं.

पौराणिक कथा
भगवान धन्वंतरि का अवतार समुद्र मंथन के दौरान हुआ था.भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद की उत्पत्ति की और इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य और आयु की प्राप्ति की कामना की.भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ-साथ अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती हैं, जैसे कि माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी पूजा की जाती हैं.

पूजा और अनुष्ठान
धनतेरस के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान धन्वंतरि की पूजा करनी चाहिए.शाम के समय घर के आंगन में दीया जलाना चाहिए.धनतेरस के दिन नए बर्तन या आभूषण खरीदना चाहिए जो बहुत शुभ माना जाता हैं. गरीबों को दान देना चाहिए.भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र की पूजा करना चाहिए. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की पूजा करें. स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करना चाहिए .

धनतेरस पूजा का समय और मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार, धनतेरस का पर्व दिन मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. 29 अक्टूबर को गोधूलि काल शाम 6 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. धनतेरस की पूजा के लिए आपको 1 घंटा 42 मिनट का समय मिलेगा.

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