विद्यार्थियों ने जाना 800 वर्ष पूर्व जहाज महल में कैसे होती थी वाटर हार्वेस्टिंग

मांडू : ऐतिहासिक पर्यटन नगरी मांडू में 19 नवंबर से 26 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक मनाया जा रहा है। इस दौरान यहां देसी और विदेशी सैलानियों के लिए महलों में प्रवेश का शुल्क भी नहीं लिया जा रहा है। इसी के तहत 24 नवंबर को दसवीं शताब्दी में निर्मित ऐतिहासिक जहाज महल में हेरिटेज वाक का आयोजन केंद्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद विद्यार्थियों को ऐतिहासिक महलों और पूरा धरोहरों के संरक्षण की शपथ दिलाई गई।केंद्रीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक प्रशांत पाटणकर ने विद्यार्थियों को बताया कि ऐतिहासिक महलों का संरक्षण हम सब की जवाबदारी है।उन्होंने कहा कि जहाज महल के दोनों और तालाब हैं और बीच में ऐतिहासिक महल ऐसा लगता है जैसे समुद्र में लंगर डाले जहाज खड़ा हो।
उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय तकनीक सदियों पूर्व भी कितनी विकसित थी। जहाज महल में 15वीं शताब्दी में वाटर हार्वेस्टिंग किया जाता था । विद्यार्थियों ने उत्सुकता वश प्रश्न पूछे। टूरिस्ट गाइड जावेद खान ने विद्यार्थियों को विस्तृत रूप से इतिहास की जानकारी दी। आयोजन केंद्रीय पुरातत्व विभाग भोपाल के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर मनोज कुर्मी के निर्देशन में हुआ। इस अवसर पर विभाग के उद्यानविद उमेश शर्मा विज्ञान शाखा से मैहर गुप्ता राजीव सैनी के साथ बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्टर : अशोक
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