क्या आप भी बांधते है पैरों में काला धागा ?

RATNA  -अक्सर हमने कई लोगों को बाएं पैर में काला धागा बांधते हुए देखा है. जिसे देखकर हम लोगों से इसके पीछे की वजह पूछते है. जिसके जवाब में हमे ये सुनने को मिलता की ऐसा करने से वो नकारात्मक उर्जा और बुरी नज़र से बचे रहते है. तो क्या सिर्फ यही कारण है कि लोग बाएं पैर में काला धागा बांधते है या इसके पीछे है कोई और वजह? 

पैर में काला धागा बांधने के कई कारण होते है, धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं की मानें तो काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है और व्यक्ति को नजर दोष से बचाता है, लेकिन कुछ लोग इसे बस फैशन के लिए बांधते हैं . ऐसा माना जाता है , कि पैर में दर्द न हो इसलिए भी लोग काला धागा बांधते हैं, लेकिन धर्म और ज्योतिष में इसका बहुत महत्व है। काला धागा बांधने से आपकी मनोकामना पूरी होती है. और अगर इसे कमर पर बांधा जाए तो पीठ की समस्या नहीं होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. कहा जाता है कि कमर पर काला धागा बांधने से हड्डी से संबंधित बीमारियां नही होती है. 

वहीं अगर किसी की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर हैं, उन्हें कमर में काला बांधने की सलाह दी जाती है. शनि का कुंडली में मजबूत होने से लोगों के जीवन में कम मुश्किलें आती हैं, और ऐसे लोग काफी तरक्की करते हैं. 

लेकिन क्या आपको पता है, कि कई लोग पैर में काला धागा बांधने को सही मानते है. काला धागा कभी भी पैरों में नहीं बांधना चाहिए। ऐसा इसलिए क्यूंकि चूंकि काला धागा रक्षा सूत्र होता है और सनातन धर्म में रक्षा सूत्र को पैर में बांधने को अशुभ माना जाता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति काला धागा पैर में बांधता है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होने की बजाय बढ़ने लगती है। काला धागा हमेशा हाथ में या गले में ही पहनना चाहिए, लेकिन वो भी खाली नहीं होनी चाहिए . धागे में किसी तरह का रत्न या चांदी डालकर उसे लॉकेट की तरह पहनना ही सही तरीका होता है.  

छोटे बच्चों को नज़र से बचाने के लिए काला धागा जरूर पहनना चाहिए, और नव विवाहित लड़कियों  को नज़र से बचने के लिए गले में काला धागा जरूर पहनना चाहिए। बीमार बुजुर्ग लोग जो अक्सर बीमार रहते हैं उन्हें भी अपने गले में काला धागा जरूर पहनना चाहिए। 

 

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