शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ करें , कृपा बरसाएंगी मां लक्ष्मी

हिंदू धर्म में हर दिन किसी ने किसी देवी देवता को समर्पित रहता है... जैसे सोमवार को भगवान शिव की आराधना की जाती है , मंगलवार को भगवान हनुमान की , बुधवार को गणेश जी की , गुरूवार को विष्णु जी की , शुक्रवार को मां लक्ष्मी की और शनिवार को शनि की पूजा की जाती है . आज शुक्रवार है , यानी कि मां लक्ष्मी का दिन .आज के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं , पूजा पाठ करते हैं  ,लेकिन क्या आप जानते हैं बहुत से विद्वानों का कहना है कि श्री सूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी सबसे ज्यादा जल्दी प्रसन्न होती हैं . धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति नियमपूर्वक श्री सूक्त का पाठ करता है, उसे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उसके पास धन और दौलत की कमी नहीं रहती है. उसकी तिजोरी भरी रहती है. श्री सूक्त संस्कृत में लिखा है, इसीलिए इसे पढ़ने में समय लग सकता है. श्री सूक्त पाठ करते समय शुद्ध उच्चारण पर ध्यान देना चाहिए.इस पाठ को करने से पूर्व माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है , उसके बाद इस का पाठ किया जाता है .

Maa Laxmi Upay: चाहते हैं घर में स्थाई रूप से बना रहे पैसा, तो मां लक्ष्मी  की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय - Do These Measures To Get The Blessings

ये रहा श्री सूक्त - 

ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्,
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह.

तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्.

अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्,
श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्.

कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं,
पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्.

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्,
तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि.

आदित्य वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः,
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः.

उपैतु मां दैव सखः, कीर्तिश्च मणिना सह,
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे.

क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्,
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्.

गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्,
ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्.

मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि,
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः.

कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम,
श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम.
आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे,
निच देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले.

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्,
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह.

आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्,
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह.

तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्.

यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्,
श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्.

कहा जाता है कि  अगर आपको माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करनी है तो शुक्रवार को प्रदोष काल में श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए...इससे मां लक्ष्मी अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं 

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