वो पहाड़ी , जिसे कहा जाता है छोटा कैलाश , महाशिवरात्रि की रात जहां पूरी होती हैं सारी मनोकामनाएं

महाशिवरात्रि का पर्व आने वाला है , शिवभक्त शिवभक्ति में लीन है .देशभर के शिव मंदिरों में अभी से धूम और रौनक दिखाई दे रही है .ऐसे में हम आपको ऐसी ऐसी पवित्र जगह के बारे में बताने जा रहे हैं , जिसे छोटा कैलाश कहा जाता है .ये के सभी को पता है , कि कैलाश पर्वत पर मां पार्वती और शिवजी का वास है .ऐसे में छोटे कैलाश का क्या महत्व होगा , ये बताने की जरूरत नहीं है .तो चलिए बताते हैं कि आखिर कहां स्थित है शिव - पार्वती का छोटा कैलाश , और क्यों है ये दुनिया भर में विख्यात .

उत्तराखंड राज्य , देवभूमि के नाम से जाना जाता है , यहां भगवान के होने की अनुभूति महसूस होती है . ऐसे में उत्तराखंड के नैनीताल  जिले के भीमताल ब्लॉक में छोटा कैलाश स्थित है. जहां शिव पार्वती की असीम कृपा का अनुभव होता है . यहां एक पहाड़ी को छोटे कैलाश के रूप में जाना जाता है . यहां  शिवरात्रि  के दिन विशाल मेला लगता है.भोले बाबा के दर्शन के लिए दूर -दूर से लोग आते हैं 

Uttarakhand: Plans to develop Chota Kailash as major pilgrimage site |  Travel - Hindustan Times

इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भगवान भोलेनाथ से मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है..यहां शिवजी के साथ माता पार्वती की कृपा भी बरसती है . 

Chota Kailash Bhimtal in Haldwani Uttarakhand

कहा जाता है कि इस पर्वत को छोटा कैलाश इसलिए कहा जाता है , क्योंकि कथाओं को अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती ने अपनी कैलाश यात्रा के दौरान यहां पर विश्राम किया था. इस स्थान पर भगवान शिव ने धूनी रमाई थी. तभी से इस स्थान पर अखंड धूनी जलाई जा रही है. मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है और उनको शिव पार्वती का आर्शीवाद जरूर मिलता है . 

नैनीताल जिले में इस जगह है छोटा कैलाश, यहां बैठकर भगवान शंकर ने देखा था राम  और रावण का युद्ध! - lord shiva chota kailash temple in bhimtal of nainital  district localuk

छोटे कैलाश धाम के बारे में एक और मान्यता भी प्रचलित है . कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान शंकर ने राम-रावण के युद्ध को इसी पहाड़ी से देखा था... सावन और माघ के महीने में इस स्थान पर भक्तों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है. शिवरात्रि के दिन यहां विशाल मेला लगता है.

छोटा कैलाश धाम , भीमताल उत्तराखंड - Jay Uttarakhandi

शिवरात्रि को लेकर इस पर्वत की अलग ही मान्यता है , महाशिवरात्रि के दिन और रात इन पर्वत पर भक्तों का तांता लगता है.महाशिवरात्रि की रात छोटे कैलाश में हजारों लोग रात भर रूककर अनुष्ठान, पूजा पाठ, भजन कीर्तन आदि करते हैं.

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ये पहाड़ी इतनी सुंदर है कि यहां आने बाद ऐसा लगता है जैसे सीधे स्वर्ग के द्वार पर आ गए हों , यहां ना केवल शिव पावर्ती की अनुभूति होती है बल्कि उनका आर्शीवाद भी मिलता है . 

 

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