पितृ दोष होंगे दूर ,करें ये काम

हिंदु धर्म में हर दिन हर माह का एक धार्मिक महत्व होता है , क्योंकि ये माह जुडे थे धार्मिक तिथि से जुड़े हुए थे , जिनका अपना विशेष महत्व होता है और साथ ही इनका अपना विषेश नियम होता है , इसलिए इन तिथियों पर विशेष प्रकार के उपाय करे जाते है , जैसे की फाल्गुन के माह की अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है , क्योंकि इस दिन के कई नियम होते है , चलिए आपकों बतातें है . 


सनानतन धर्म में अमाव्सया और पूर्णिमा ये दो ऐसी तिथियां होती है जिनका हिंदु र्धम में इनके अलग अलग नियम और धाराणाएं है, अमाव्सया हर माह में पड़ती है और हर माह की अमाव्सया का अलग अलग नियम होता है , इस वक्त फाल्गुन का माह चल रहा है , फाल्गुन की अमावस्या में अहम महत्व रखती है ,हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितरों की शांति और पितृ दोष से छिटकारा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. फाल्गुन माह की यह अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में बड़े मायने रखती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन तीर्थ स्नान और दान करते हैं उनके समस्त पाप मिट जाते हैं. जो लोग पितृ पक्ष पर अपने पितरों का श्राद्ध कर्म नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अमावस्या के दिन विधि पूर्वक पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या को जल से तर्पण और उनके निमित्त कर्मकांडी पंडित को दान-दक्षिणा श्रद्धानुसार देना चाहिए.  जो लोग जरूरतमंद हों उनको अनाज और जरूरत की चीजें दान करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. बता दें ये तिथि  9 मार्च 2024 दिन शनिवार को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 10 मार्च 2024 दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर समाप्ति. 

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