कैसे होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

हिंदु नव वर्ष के साथ चैत्र नवरात्र की भी शुरूआत हो चुकी है , इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही है , आपकों बता दें कि हिंदुओं के लिए चैत्र का महिना बहुत पावन होता है, क्योंकि इस महिने से उनके हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ होता है , औऱ साथ ही इस महिने में नवरात्र का पर्व भी होता है , आज नवरात्र का दूसरा दिन है ये दिन माता ब्रह्मचारिणी का होता है , तो चलिए बतातें है कैसे करें माता ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न
साल में चार नवरात्र होते है , जिनमें से दो गु्प्त होते है , हिंदू धर्म के मुताबिक जो पहला नवरात्र होता है वो होता है चैत्र का नवरात्र , इस बार चैत्र के नवरात्र 10 अप्रैल से शुरू हो चुकें है , इस बार माता का वाहन घोड़ा है , दरसल हिंदू धर्म के मुताबिक हर नवरात्र माता अलग अलग वाहन पर विराजमान होकर आती है ,, जिनके अलग अलग महत्व होते है,, और अलग अलग अर्थ , खैर आज नवरात्र का दूसरा दिन है जो माता ब्रह्मचारिणी का होता है , ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली अर्थात तप का आचरण करने वाली ब्रह्मचारिणी को हमन बार बार नमन करते हैं।माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से आत्मविश्वास, आयु, आरोग्य, सौभाग्य, अभय आदि की प्राप्ति होती है। माता ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी भी कहा जाता है। मां भगवती की इस शक्ति की पूजा अर्चना कने से मनुष्य कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता और सही मार्ग पर चलता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और बैठकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें. अगर आपके पास माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की तस्वीर है तो उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं और भोग में पंचामृत सबसे पहले अर्पित करें. पंचामृत अर्पित करते समय ऊं ऐं नमः का जाप 108 बार जरूर करें, इसके साथ ही मां ब्रह्मचारिणी को पान, सुपारी और लौंग भी अर्पित की जाती है. पूजा के उपरांत मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें.
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