पूर्वजन्म की भूल के कारण द्रौपदी बनी 5 पतियों की पत्नी..

ANUVANSHIKA BAJPAI 

महाभारत में द्रौपदी का नाम सबसे शक्तिशाली महिलाओ में आता है.द्रौपदी राजा द्रुपद के यज्ञ से अवतरित हुई इसलिए द्रौपदी को यज्ञसेनी नाम से भी जाना जाता है.पौराणिक कनाहियो के अनुशार द्रौपदी केवल 5 पांडवो की पत्नी या पंचाल देश की राजकुमारी ही नहीं बल्कि एक योद्धा भी माना जाता है जिन्होंने महाभारत के युद्ध में बिना शस्त्र उठाये अन्याय के खिलाफ खड़े होकर आवाज़ उठाई साथ ही उनमे एक योद्धा वाले सभी गुण मौजूद थे और वो पूर्ण रूप से सर्वगुण संपन्न महिला थी जिनको अर्जुन जीतने के बाद विवाह करके लाये थे परन्तु उनकी माँ कुंती के बोले वचनों के कारण द्रौपदी को अर्जुन के सभी भाइयो से विवाह करना पड़ा था जिसके बाद से ही सभी उन्हें पांचाली के नाम से जानते थे. पांचाली का अर्थ होता है पांच पतियों वाली.उनके साथ ये घटना इसलिए भी घटित हुई क्युकी पर्व जन्म में उनकी जादा पाने कि लालसा या यूँ कहे कि ज्यादा लालच के कारण उनको पांच पतियों से शादी करनी पड़ी.

महाभारत के आदिपर्व में द्रौपदी के जन्म की कथा में व्यासजी ने लिखा है कि द्रौपदी यानी यज्ञ से जन्मी यज्ञसेनी पिछले जन्म में एक गरीब ब्राह्मणी थी. उनका पति हमेशा बीमार रहता था जिसके कारण उस ब्राह्मणी महिला को किसी प्रकार का सुख नहीं मिल पाया.एक दिन उस ब्राह्मणी महिला का पति बीमारी से मर गया जिसके बाद गरीब ब्राह्मणी महिला विधवा हो गयी और पूरी तरह से अकेली हो गई.वो हमेशा सोचा करती कि अगर उसका पति स्वस्थ और सुखी होता या अमीर होता तोह उसकी सभी मनोकामनाए पूरी होती और उसे वो सब कुछ मिलता जो वो अपने जीवन में चाहती थी.पति के मरने के बाद उसका रो रो कर बुरा हाल था और साथ ही उसे खाने के भी लाले पड़ने लगे थे जिसकी वजह से उसने सोचा कि अगर अगले जन्म में फिर उसे एक गरीब या बीमार पति मिला तो उसका जीवन व्यर्थ हो जायेगा इसलिए उसने भगवान शिव की तपस्या करने को सोचा जिसके बाद वो सालो तक महादेव को प्रशन्न करने के लिए तपस्या करती रही और एक दिन भगवन उसकी तपस्या से खुश होकर प्रकट हुए जिसके बाद भगवान को खुद के पास इतना पास पाकर वो अति उत्साहित हो गई और भगवान को सर्वगुण संपन्न पति कि विशेषताए बताने लगी जितनी विशेषताए उसने महादेव को बताई वो लगभग एक पति में मिलना असंभव थी उसने विभिन्न गुण वाले पति का वरदान भगवान् शंकर से माँगा . ज्यादा उत्साह में होने कि वजह से उसने ये बात भगवन शंकर के समक्ष पाच बार कह दी और भोलेनाथ तो है ही भोले उन्होंने भी हाथ उठाते हुए उसे पाच पति का वरदान दे दिया 

पूर्वजन्म की अधूरी इच्छाओं की वजह से द्रौपदी पूर्व जन्म में लालसा से भर गई थी  जिसके कारण उन्हें पांच पतियों से विवाह करना पड़ा जिसके बाद वो पांचाली कहलाई.

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