इस मंदिर में एक ही जगह होगा द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और रुद्राभिषेक.

सावन का महिना चल रहा हैं. इस महीने में लोग भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं ऐसा कहा जाता हैं की सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता हैं. इसलिए लोग सावन के महीने में अपने घरों में रुद्राभिषेक कराते हैं. लेकिन कोडरमा जिले में पूरे सावन कांवरियों की सेवा करने वाला शिव वाटिका में द्वादश ज्योतिर्लिंग की रुद्राभिषेक की जाती है....

 

बताया जाता हैं कि यहां पिछले 11 वर्षों से कोडरमा के रास्ते देवघर जाने वाले और वापस लौटने वाले विभिन्न राज्यों के कांवरियों को नि:शुल्क विश्राम, भोजन, मेडिकल, चाय-पानी की सुविधा उपलब्ध कराते हैं.

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इस दौरान समाज के विभिन्न वर्गों के लोग पहुंचकर कांवरिया की सेवा करते हैं. सावन में सेवक के रूप में शिव वाटिका में कांवरियों की सेवा करने वाले लोगों के लिए खास तौर पर द्वादश ज्योतिर्लिंग का निर्माण यहां कराया जाता है. जिसमें लोग सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक करते हैं.

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द्वादश ज्योतिर्लिंग बनाने के बाद पुरोहित के द्वारा भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग का आवाहन किया जाता है. इसके बाद पूरे विधि विधान से घंटो तक रुद्राभिषेक का कार्यक्रम चलता है.

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रुद्राभिषेक के लिए शिवलिंग तैयार करने के लिए इस बार विशेष तौर से वाराणसी से माटी कला का प्रशिक्षण ले चुके कारीगर शिव वाटिका परिसर में द्वादश ज्योतिर्लिंग का निर्माण कर रहे हैं.

मिट्टी का शिवलिंग कैसे बनाया जाता है?

 इस द्वादश ज्योतिर्लिंग रुद्राभिषेक में कोई भी शिव भक्त शामिल हो सकते हैं. रुद्राभिषेक में लगने वाले पूजन सामग्रियों की पूरी व्यवस्था शिव वाटिका के द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं.

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