सोमवार क्यों है भोले बाबा को प्रिय

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की  परंपरा काफी पुरानी है. कहते है सोमवार का दिन भोले बाबा को बहुत प्रिय है . तो आइये जानते है कि आखिर सोमवार का दिन ही भोले बाब को क्यों प्रिय है.

हिंदू धर्म में भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं... हालांकि हिंदी सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान की पूजा और व्रत के लिए समर्पित हैं. माना जाता है कि सोमवार को अगर कोई सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. क्योंकि सोमवार के दिन भोलेबाबा को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है. पुरातन काल से ही लोग भोलेनाथ की पूजा सोमवार के दिन ही करते आए हैं. पौराणिक कथाओं में इसके पीछे की वजह भी बताई गई है. आइए जानते हैं .


सोम का अर्थ होता है सौम्य, चंद्रमा और वह देव, जिसे सोमदेव भी अपना देव मानते हैं यानी भगवान शिव. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसके पीछे का पहला कारण ये है कि चंद्रदेव ने भगवान शिव की आराधना सोमवार के दिन ही की थी जिससे उन्हें निरोगी काया मिली . इस दिन भगवान शिव की आराधना कर आप चंद्रदेव को भी प्रसन्न कर सकते हैं.इसके अलावा भगवान शिव को बेहद सौम्य और शांत देवता माना जाता है. हालांकि वे अत्यंत क्रोधी भी  हैं लेकिन अपने चित्त की इस अवस्था से परे के जो शिव हैं वे ना केवल बेहद सौम्य हैं अपितु उतने ही शांत भी हैं. यही वजह है कि शंकर जी अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं यही वजह है कि उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी पुकारा जाता है.शंकर जी के सरल और सहज होने के कारण भी सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है और इसलिए सोमवार का दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है. व्यवहारिक मान्यता में शिव का एक नाथ सोमनाथ भी है, जी हां वही सोमनाथ जो द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है तो आप सोमवार को शिव के दिन से भी जोड़ सकते हैं. 

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