क्यों मनाया जाता है गंगा स्नान का त्यौहार

गंगा स्नान माना जाता है इस दिन गंगा में डूबकी लगाने से इंसान के सारे पाप धुल जाते है . इसलिए आज के दिन गंगा नदी में स्नान करने की मान्यता है .लेकिन बहुत से लोगों को आज की कहानी नही पता है . की आखिर ये त्यौहार क्यों मनाया जाता है . तो आइये जानते है . कि क्यों गंगा स्नान मनाया जाता है .
मां गंगा को मोक्षदायिनी के रूप में जाना जाता है .ऐसा इसलिए क्योंकि पौराणिक काल से यह मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. विशेष दिन जैसे अमावस्या या पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा जल में स्नान करने से साधक को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ गंगा तट के किनारे श्राद्ध या तर्पण आदि करने से और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है.
गंगा दशहरा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. मनात्याओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस विशेष दिन 10 चीजों के दान को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि गंगा दशहरा के दिन- जल, अन्न, वस्त्र, फल, पूजन, श्रृंगार, घी, नमक, शक्कर और स्वर्ण का दान करना बहुत ही शुभ और फलदाई माना जाता है.
क्या है कथा
कहते है एक बार सोमवती स्नान का पर्व था. गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी. भोलेनाथ-पार्वती विचरण पर निकले थे. तभी आकाश से गुजरते समय मां पार्वती की नजर भीड़ की ओर गई. पार्वती जी ने इतनी ज्यादा भीड़ का कारण शिवजी से पूछा. शिवजी ने बताया- आज सोमवती पर्व है. आज के दिन गंगा स्नान करने वाले लोग स्वर्ग जाते है. उसी लाभ के लिए स्नानार्थियों की भीड़ जमा है.
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