अमावस्या को भूल से भी न करें ये काम !


हिंदु धर्म में अमावस्या की एक अहम भूमिका होती है , अमावस्या के दिन आसमान में पूरा चांद नहीं दिखाई देता है . साथ ही ये दिन पितरों का माना जाता है ऐसे में ऐसे कई काम होते है जिन्हे हमें करने से बचना चाहिए क्योंकि अगर हम कोई अमावस्या के दिन ऐसा काम करते है जो हमें नही करना चाहिए तो इससे हमारे पितृ हमसे नाराज हो जाते है , इसलिए इस दिन हमें विशेष कर सावधानी बरतनी चाहिए .तो चलिए बतातें है आज आपकों ऐसे काम जो अमावस्या के दिन भूल कर भी नहीं करने चाहिए . 

जैसा कि हमने जाना  कि अमावस्या का दिन पितरों का होता है. जिनका स्वामी महाराज होता है, ऐसा माना जाता है  कि अमावस्या  को झाड़ू  लाने से देवी लक्ष्मी नाराज होती हैं, और घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से धन गैर जरूरी चीजों में और रोगों में  खर्च होने लगता है. और  बरकत नही होती है . इसलिए इस दिन  झाड़ू की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. झाडू के साथ- साथ इस दिन  गेहूं और आटा भी नही खरिदना चाहिए.   खासकर के  भाद्र मास की अमावस्या तिथि के दिन  आटा नही खरिदना चाहिए . क्योंकि  आटा गेहूं की खरीदारी पितरों के निमित्त मानी जाती है. अमावस्या के दिन तेल भी नहीं लगाना चाहिए, तो वहीं अमावस्या को तेल का दान करना शुभ होता है और शनि दोष को दूर करता है. कहते है अमावस्या तिथि पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने सबसे अच्छा दिन होता है ,ऐसे में सात्विक भाव को बनाए रखने के लिए ऋंगार और तेल ना लगाने की मान्यता है. असल में अमावस्या के दिन चंद्रमा का  पक्ष परिवर्तन होता है और संक्रांति के दिन सूर्य की स्थिति बदलती है . इसलिए  सकारात्मकता को बनाए रखने के लिए तेल ना लगाने और सात्विक भाव बनाए रखने की बात कही जाती है. 

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